Edited By Utsav Singh,Updated: 03 Oct, 2024 09:43 PM
अयोध्या में राम मंदिर के शिखर का निर्माण कार्य बृहस्पतिवार को शुरू हो गया। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने जानकारी दी कि 161 फुट ऊंचे राम मंदिर के शिखर का निर्माण अगले चार महीनों में पूरा होने की उम्मीद है।
नेशनल डेस्क : अयोध्या में राम मंदिर के शिखर का निर्माण कार्य बृहस्पतिवार को शुरू हो गया। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने जानकारी दी कि 161 फुट ऊंचे राम मंदिर के शिखर का निर्माण अगले चार महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि इस निर्माण के साथ ही परिसर में सात ऋषियों को समर्पित सात मंदिरों के निर्माण में भी तेजी लाई गई है, और इन मंदिरों के भी अगले चार महीने में तैयार होने की संभावना है।
यह भी पढ़ें- कोकीन खेप बरामदगी केस में बड़ा खुलासा... ड्रग्स सिंडिकेट के मास्टरमाइंड का कांग्रेस ने निकला कनेक्शन
आपको बता दें कि अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का शिखर नागर शैली में बनाया जा रहा है। इस शिखर का डिज़ाइन सोमपुरा आर्किटेक्ट्स ने तैयार किया है, जिसे ट्रस्ट द्वारा पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है। शिखर पर धर्म ध्वज भी लगाया जाएगा, जो मंदिर के धार्मिक महत्व को दर्शाता है। मंदिर का शिखर निर्माण सबसे चुनौतीपूर्ण कार्यों में से एक माना जाता है। इसके निर्माण के प्रारंभिक चरण में सभी संबंधित एजेंसियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे, ताकि सभी प्रक्रियाओं और तकनीकी आवश्यकताओं का समुचित ध्यान रखा जा सके। इस प्रकार, शिखर निर्माण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और कुशलता से पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें- Delhi Pollution: केंद्र और पंजाब सरकार को SC ने लगाई फटकार, कहा- पराली पर मीटिंग हुई... एक्शन नहीं
मिश्र ने आगे कहा कि राम मंदिर के निर्माण में तेजी लाने के लिए बृहस्पतिवार से तीन दिवसीय समीक्षा बैठक की योजना बनाई गई है। इस बैठक में मजदूरों की कमी को दूर करने के लिए उनकी संख्या बढ़ाने और आवश्यकतानुसार तकनीकी टीम के विस्तार के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।
यह भी पढ़ें- UPPSC UP TE Exam: सावधान ! नकल करने पर देना पड़ सकता है एक करोड़ तक का जुर्माना या हो सकती है आजीवन कारावास
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की गई थी। यह महत्वपूर्ण निर्णय नवंबर 2019 में उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने लिया था, जिसने विवादित जमीन को राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए एक ट्रस्ट को सौंपने का आदेश दिया था। साथ ही, शीर्ष अदालत ने सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए किसी अन्य स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश भी दिया था। इस प्रकार, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और इसके साथ ही आसपास के क्षेत्र में भी धार्मिक गतिविधियों का विस्तार हो रहा है।