17 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, यहां जानें कपाट बंद होने की पूरी प्रक्रिया

Edited By Parveen Kumar,Updated: 16 Nov, 2024 06:43 PM

the doors of badrinath dham will be closed on november 17

उत्तराखंड के बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर, रविवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इससे पहले 16 नवंबर को वैदिक परंपराओं के अनुसार पंज पूजा के चौथे दिन मां लक्ष्मी की पूजा होगी, और उन्हें कढ़ाई के प्रसाद का भोग अर्पित किया जाएगा। फिर देवी लक्ष्मी...

नेशनल डेस्क : उत्तराखंड के बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर, रविवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इससे पहले 16 नवंबर को वैदिक परंपराओं के अनुसार पंज पूजा के चौथे दिन मां लक्ष्मी की पूजा होगी, और उन्हें कढ़ाई के प्रसाद का भोग अर्पित किया जाएगा। फिर देवी लक्ष्मी से प्रार्थना की जाएगी कि वे बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान रहें।

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि 17 नवंबर को शाम को कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू होगी। बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल अमरनाथ नंबूदरी महिला वस्त्र पहनकर माता लक्ष्मी को श्री बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करेंगे। कपाट बंद करने की प्रक्रिया 17 नवंबर को रात सवा 8 बजे से शुरू होगी। रात 9 बजकर 07 मिनट पर घृत कंबल ओढ़ाने के बाद, भगवान बदरीविशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। 18 नवंबर को सुबह योग बदरी पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेंगे।

कपाट बंद करने की प्रक्रिया

17 नवंबर को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर खुलेगा। दिन भर मंदिर में पूजा होती रहेगी और दर्शन होते रहेंगे। शाम को कपाट बंद करने की पूजा 6:45 बजे शुरू होगी और रात 9:07 बजे शुभ मुहूर्त में कपाट बंद किए जाएंगे। इस दौरान भगवान बदरीविशाल को माणा महिला मंडल की ओर से तैयार किया गया घृत कंबल ओढ़ाया जाएगा।

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