Edited By Pardeep,Updated: 22 Dec, 2024 09:42 PM
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ हिंदू पंचांग के अनुसार अगले वर्ष 11 जनवरी को मनाई जाएगी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने संवाददाताओं को बताया कि प्राण...
नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ हिंदू पंचांग के अनुसार अगले वर्ष 11 जनवरी को मनाई जाएगी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने संवाददाताओं को बताया कि प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ को अन्य हिंदू त्योहारों की तरह ही मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा पौष शुक्ल द्वादशी (22 जनवरी 2024) को की गई थी और 2025 में यह तिथि 11 जनवरी को पड़ेगी इसलिए उस दिन से राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किया जाएगा।
ट्रस्ट प्रतिष्ठा वर्षगांठ की तैयारियों में जुट गया है। राय ने बताया, “सभी हिंदू त्यौहार विशिष्ट तिथियों के अनुसार मनाए जाते हैं इसलिए रामलला की प्रतिष्ठा की वर्षगांठ भी तिथि के अनुसार ही मनाई जाएगी। राम नवमी, कृष्ण जन्माष्टमी और विवाह पंचमी जैसे त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाए जाते हैं। इसी तरह, राम मंदिर की प्रतिष्ठा की वर्षगांठ ‘प्रतिष्ठा द्वादशी' के रूप में मनाई जाएगी। यह तिथि अगले साल 11 जनवरी को पौष शुक्ल द्वादशी को पड़ेगी।”
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में उन संतों को आमंत्रित किया जा रहा है, जिन्हें प्राण प्रतिष्ठा के लिए बुलाया नहीं जा सका या जो किन्हीं कारणों से नहीं आ सके थे। राय के मुताबिक, राम मंदिर परिसर के अंदर और बाहर वार्षिक उत्सव में आम जनता के भाग लेने की भी व्यवस्था की गई है। राय ने बताया कि 11 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर रामलला का अभिषेक और भव्य आरती की जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के वार्षिक उत्सव के उपलक्ष्य में पांच अलग-अलग स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और इसके अलावा दूसरा कार्यक्रम राम मंदिर परिसर के यज्ञ मंडप में होगा और तीसरा कार्यक्रम राम जन्मभूमि परिसर में तीर्थयात्री सुविधा केंद्र में होगा। राय ने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर के बाहर अंगद टीले पर आम जनता के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा लेकिन मंदिर परिसर के भीतर आयोजित कार्यक्रम में केवल आमंत्रित सदस्यों को ही भाग लेने की अनुमति होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में इस साल 22 जनवरी को अयोध्या स्थित नये मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।