Edited By Parminder Kaur,Updated: 28 Feb, 2025 04:25 PM

धार्मिक शास्त्रों में ग्रहण का विशेष महत्व है। माना जाता है कि जब सूर्य या चंद्र ग्रहण लगता है तो इसका असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है। इस साल दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण होंगे। इनमें...
नेशनल डेस्क. धार्मिक शास्त्रों में ग्रहण का विशेष महत्व है। माना जाता है कि जब सूर्य या चंद्र ग्रहण लगता है तो इसका असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है। इस साल दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण होंगे। इनमें से पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को लगेगा, जो भारत में नहीं दिखाई देगा। इसके कुछ दिन बाद चैत्र नवरात्रि से पहले सूर्य ग्रहण लगेगा। आइए जानते हैं इस साल का पहला सूर्य ग्रहण कब लगेगा, भारत में दिखाई देगा या नहीं और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें...
कैसे लगता है सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण तब लगता है, जब चंद्रमा और पृथ्वी, सूर्य के बीच आ जाते हैं। इस स्थिति में सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती और कुछ हिस्सों में अंधेरा छा जाता है। सूर्य ग्रहण के तीन प्रकार होते हैं, जैसे
आंशिक सूर्य ग्रहण
वलयाकार सूर्य ग्रहण
पूर्ण सूर्य ग्रहण
कब लगेगा सूर्य ग्रहण?
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को लगेगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसका मतलब है कि सूर्य का कुछ हिस्सा चंद्रमा से ढका रहेगा। हालांकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। यह ग्रहण अन्य देशों में देखा जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण का समय
सूर्य ग्रहण भारतीय समय अनुसार 29 मार्च 2025 को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और शाम 4 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इसके बाद यह ग्रहण समाप्त हो जाएगा।
कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
यह सूर्य ग्रहण कुछ देशों में देखा जा सकेगा, जिनमें शामिल हैं:
ग्रीनलैंड
सम्पूर्ण यूरोप
उत्तर-पश्चिमी रूस
आइसलैंड
कनाडा
पुर्तगाल
स्पेन
आयरलैंड
फ्रांस
यूनाइटेड किंगडम
डेनमार्क
जर्मनी
नॉर्वे
फिनलैंड
रूस
उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका
उत्तरी अमेरिका का उत्तर-पूर्वी भाग
क्या भारत में सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा?
चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका असर भी भारत पर नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप, भारत में सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूतक काल का पालन केवल तभी किया जाता है, जब ग्रहण देश के किसी हिस्से में दिखाई दे।