"जानवर की तरह..." : बेंगलुरू के तकनीकी विशेषज्ञ Atul Subhash की आत्महत्या से जुड़ी पूरी कहानी और सुसाइड नोट में उठाए गए सवाल

Edited By Mahima,Updated: 12 Dec, 2024 09:32 AM

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बेंगलुरू के तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष की आत्महत्या से जुड़े मामले में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया द्वारा दायर दहेज उत्पीड़न और मारपीट के आरोपों के बावजूद, अतुल ने अपने सुसाइड नोट में इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने आत्महत्या को अपनी मानसिक स्थिति...

नेशनल डेस्क: बेंगलुरू में एक तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष की आत्महत्या का मामला अब गंभीर विवाद का रूप ले चुका है। 2022 में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया द्वारा दर्ज की गई शिकायत और आत्महत्या से पहले छूटा उनका 24 पन्नों का सुसाइड नोट इस मामले को और भी जटिल बना रहे हैं। आत्महत्या के कारण के रूप में जहां एक तरफ दहेज उत्पीड़न और पारिवारिक विवादों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ सुसाइड नोट में अतुल ने अपनी पत्नी के आरोपों का विरोध किया और इसे अपनी मानसिक स्थिति को लेकर उठाए गए गलत कदम के रूप में वर्णित किया।

निकिता सिंघानिया द्वारा दर्ज की गई शिकायत
अप्रैल 2022 में, निकिता सिंघानिया ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर स्थित अपने घर में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने अपने पति अतुल सुभाष, उनके परिवार और ससुराल वालों पर दहेज के लिए उत्पीड़न और शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे। शिकायत में यह आरोप लगाया गया कि शादी के दौरान उनके माता-पिता ने जो दहेज दिया था, उससे ससुराल वाले संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने 10 लाख रुपये और मांगने शुरू कर दिए थे। निकिता के अनुसार, जब उन्होंने अपने माता-पिता से यह बात बताई, तो उन्होंने उन्हें समझाया कि समय के साथ सब ठीक हो जाएगा और इस रिश्ते को बनाए रखो। निकिता के आरोप के अनुसार, अतुल ने शराब पीकर उन्हें पीटना शुरू किया और पति-पत्नी के रिश्ते को "जानवरों की तरह" मानते हुए उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। इसके अलावा, अतुल ने उनके खाते से उनका वेतन भी अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया। इस शिकायत में दहेज निषेध अधिनियम, 1961 और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत उत्पीड़न, क्रूरता और आपराधिक धमकी के आरोप भी लगाए गए थे। 

अतुल सुभाष का सुसाइड नोट
अतुल सुभाष ने आत्महत्या से पहले जो 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा, उसमें उन्होंने अपनी पत्नी द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया। सबसे पहले, अतुल ने निकिता के दहेज के लिए 10 लाख रुपये की मांग करने के आरोप को "हास्यास्पद" करार दिया। उन्होंने कहा कि वह एक उच्च आय वाले पेशेवर थे और उनका सालाना सीटीसी (कॉस्ट टू कंपनी) 40 लाख रुपये था, जो बाद में बढ़कर 80 लाख रुपये हो गया। अतुल ने सवाल उठाया कि अगर वह इतने अधिक पैसे कमाते थे, तो वह 10 लाख रुपये की मांग क्यों करेंगे और अपनी पत्नी और बच्चे को छोड़कर जाएंगे? अपने सुसाइड नोट में, अतुल ने निकिता द्वारा लगाए गए पिटाई के आरोप को भी खारिज किया। उनका कहना था कि यदि वह अपनी पत्नी को शराब पीकर बुरी तरह पीटते, तो उसके शरीर पर चोट के निशान होते और खून बहता, लेकिन उसने कभी इसका कोई सबूत पेश नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि घर में हमेशा नौकर, रसोइया और अन्य लोग रहते थे, लेकिन किसी ने भी कभी इस तरह की घटनाओं को गवाही नहीं दी।

ससुर की मौत और अतुल का दावा
निकिता सिंघानिया ने अपनी शिकायत में यह भी दावा किया था कि दहेज की मांग और उत्पीड़न के कारण उनके पिता को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गई। 17 अगस्त 2019 को उनका पिता स्ट्रोक के कारण गंभीर रूप से बीमार हो गया था, और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इस आरोप पर अतुल ने कहा कि यह पूरी तरह से "बॉलीवुड की घटिया साजिश" है। उन्होंने कहा कि निकिता के पिता 10 वर्षों से मधुमेह और हृदय रोग का इलाज करवा रहे थे और डॉक्टरों ने उन्हें कुछ ही महीनों का जीवनकाल दिया था। अतुल ने यह दावा किया कि उनके पिता की मृत्यु सीधे तौर पर दहेज से संबंधित नहीं थी, और इस मामले को दहेज उत्पीड़न के एक झूठे आरोप के रूप में प्रस्तुत किया गया।

आत्महत्या का कारण और सुसाइड नोट में आखिरी शब्द
अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि उन्होंने आत्महत्या इसलिए की, क्योंकि उनकी पत्नी और उसके परिवार ने उन पर और उनके परिवार पर झूठे आरोप लगाए थे। उनके अनुसार, निकिता और उसके परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों ने उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से इतना प्रभावित किया कि उन्होंने यह कदम उठाया। अतुल ने यह भी कहा कि उन्हें और उनके परिवार को हर महीने दो लाख रुपये भरण-पोषण के रूप में देने की कोशिश की जा रही थी, और इस कारण उनकी मानसिक स्थिति पूरी तरह से बिगड़ गई थी। सुभाष ने लिखा, "मैं जितना अधिक मेहनत करूंगा और अपने काम में बेहतर होता जाऊंगा, उतना ही मुझे और मेरे परिवार को परेशान किया जाएगा और मुझसे पैसे ऐंठे जाएंगे। अब, मेरे जाने के बाद, कोई पैसा नहीं बचेगा और मेरे बूढ़े माता-पिता और मेरे भाई को परेशान करने का कोई कारण नहीं होगा।"

पुलिस की कार्रवाई और परिवार पर आरोप
अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद, उनके परिवार और पत्नी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगे हैं। बेंगलुरू पुलिस ने निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। आत्महत्या के बाद उनके परिवार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि क्या सुभाष के सुसाइड नोट में जो आरोप लगाए गए हैं, वे सही हैं या नहीं। यह मामला न केवल घरेलू उत्पीड़न और दहेज उत्पीड़न के आरोपों को सामने लाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे एक परिवार के अंदर की समस्याएं और विवाद एक व्यक्ति के जीवन को खत्म करने का कारण बन सकती हैं।

इस मामले में जहां एक ओर सुसाइड नोट में अतुल ने अपनी आत्महत्या के कारणों का स्पष्टीकरण दिया है, वहीं दूसरी ओर पुलिस जांच जारी है और यह देखना बाकी है कि अदालत इस मामले को कैसे सुलझाती है। समाज में इस तरह के मामलों में कानूनी प्रक्रिया और पारिवारिक विवादों का निवारण एक चुनौतीपूर्ण मुद्दा बन चुका है, और यह मामला समाज को एक और चेतावनी देता है कि दहेज उत्पीड़न, मानसिक प्रताड़ना और घरेलू हिंसा को गंभीरता से लिया जाए।

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