Edited By Parveen Kumar,Updated: 05 Oct, 2024 12:11 AM
पिंकी हरयान, जो आज एक डॉक्टर हैं, हिमाचल प्रदेश के मक्लोडगंज में आदर्श मानी जाती हैं। दो दशक पहले वह इसी शहर में भीख मांगकर अपना जीवन यापन करती थीं, और अब उन्होंने चीन से MBBS की डिग्री हासिल की है।
नेशनल डेस्क : पिंकी हरयान, जो आज एक डॉक्टर हैं, हिमाचल प्रदेश के मक्लोडगंज में आदर्श मानी जाती हैं। दो दशक पहले वह इसी शहर में भीख मांगकर अपना जीवन यापन करती थीं, और अब उन्होंने चीन से MBBS की डिग्री हासिल की है।
भीख से पढ़ाई तक का सफर
पिंकी लगभग 20 साल पहले अपने परिवार के साथ झुग्गी बस्ती में रहती थीं। उनके पिता की आर्थिक हालत बहुत कमजोर थी, और इस वजह से उन्हें भीख मांगने की जरूरत थी। साल 2004 में टोंग-लेन चैरिटेबल ट्रस्ट के निदेशक और तिब्बती भिक्षु लोबसांग जाम्यांग ने पिंकी को भीख मांगते हुए देखा। उन्होंने उसके पिता से मिलकर उसे स्कूल में दाखिला दिलाने की सलाह दी, लेकिन पिंकी के पिता ने आर्थिक कारणों से मना कर दिया।
शिक्षा का सहारा
लोबसांग जाम्यांग ने पिंकी का दाखिला धर्मशाला के दयानंद पब्लिक स्कूल में कराया और ट्रस्ट ने उसकी पढ़ाई का सारा खर्च उठाया। पिंकी ने मेहनत और लगन से पढ़ाई की और 12वीं के बाद NEET परीक्षा भी पास की।
चीन से MBBS
जब मेडिकल कॉलेज की फीस का सवाल आया, तो टोंग-लेन चैरिटेबल ट्रस्ट की यूके शाखा ने 2018 में उसे चीन के मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाया। अब पिंकी अपनी पढ़ाई पूरी करके धर्मशाला वापस आ गई हैं और हिमाचल प्रदेश में युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं।
FMGE परीक्षा की तैयारी
अब वह भारत में डॉक्टर बनने के लिए FMGE (विदेशी चिकित्सा ग्रेजुएट परीक्षा) की तैयारी कर रही हैं। पिंकी की कहानी मेहनत और लगन की एक मिसाल है।