Edited By Radhika,Updated: 18 Apr, 2025 12:23 PM
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को 7 दिन का समय दिया। कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर एक हफ्ते में जबाव देने के लिए कहा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश भी दिया कि जब तक जवाब दाखिल नहीं किया जाता, तब तक...
नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को 7 दिन का समय दिया। कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर एक हफ्ते में जबाव देने के लिए कहा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश भी दिया कि जब तक जवाब दाखिल नहीं किया जाता, तब तक केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड में किसी भी तरह की नियुक्ति नहीं की जाएगी।
वक्फ अधिनियम के खिलाफ 70 से ज्यादा याचिकाएं-
वक्फ अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 70 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं। इनमें से एक प्रमुख याचिका AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की भी है। ओवैसी ने इस अधिनियम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे असंवैधानिक बताया।
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ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला किया-
ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार वक्फ को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, जो भारतीय संघवाद के खिलाफ है। ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि यह कानून वक्फ की जमीन को बर्बाद करने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का यह मानना है कि यह कानून असंवैधानिक है क्योंकि यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।” ओवैसी ने वक्फ के खिलाफ कानूनी लड़ाई और विरोध-प्रदर्शन जारी रखने की बात भी कही।
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ओवैसी का बयान - 'काला कानून'
ओवैसी ने कहा कि यह कानून वक्फ को समाप्त करने के लिए बनाया गया है, न कि इसे बचाने के लिए। उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब सरकार वक्फ को कमजोर करने के नियम बनाती है, तो यह संघवाद के खिलाफ है।
ओवैसी ने दी 'दूध का जला' वाली मिसाल-
ओवैसी ने कहा, “जो दूध का जला होता है, वह छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है। यह हमारे हक की लड़ाई है और हम इसे खत्म होने नहीं देंगे। हम शुरू से कह रहे थे कि यह कानून असंवैधानिक है।” ओवैसी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि सरकार लिमिटेशन एक्ट लागू करने का प्लान बना रही है। इसके अलावा, ओवैसी ने बीजेपी को चुनौती दी और कहा कि वह उसे झूठा साबित करके दिखाए।