Edited By Harman Kaur,Updated: 28 Mar, 2025 05:46 PM

उत्तराखंड सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा के उपायों के तहत एक मेडिकल एडवाइजरी जारी की है। इसमें यात्रा शुरू करने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने, पैदल चलने का अभ्यास करने और प्राणायाम व हृदय संबंधी व्यायाम करने की...
नेशनल डेस्क: उत्तराखंड सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा के उपायों के तहत एक मेडिकल एडवाइजरी जारी की है। इसमें यात्रा शुरू करने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने, पैदल चलने का अभ्यास करने और प्राणायाम व हृदय संबंधी व्यायाम करने की सलाह दी गई है।
पिछले साल हुई थी 246 तीर्थयात्रियों की मौत
दरअसल, हर साल चारधाम यात्रा के दौरान कई तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के कारण मृत्यु हो जाती है, जिनमें सबसे सामान्य कारण ऊंचाई पर होने वाली बीमारी, ऑक्सीजन की कमी और हार्ट अटैक हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष 246 और 2023 में 242 तीर्थयात्रियों की मृत्यु यात्रा के दौरान स्वास्थ्य कारणों से हुई थी। इस एडवाइजरी को 12 विभिन्न भाषाओं में जारी किया गया है, जिसमें श्रद्धालुओं से यात्रा के दौरान आवश्यक दवाइयों को अपने साथ रखने का भी अनुरोध किया गया है।
जरूर कराएं अपना पंजीकरण
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, जो 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू होगी। केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को और बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे। परामर्श में श्रद्धालुओं से यह भी कहा गया है कि वे स्वास्थ्य और पर्यटन पंजीकरण ऐप पर अपना पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराएं।
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को पर्याप्त पानी, संतुलित आहार और हल्के गर्म पेय पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, यात्रा मार्ग पर बनाए गए जांच केंद्रों और चिकित्सा राहत चौकियों का उपयोग कर तीर्थयात्रियों को अपने स्वास्थ्य की जांच करने के लिए प्रेरित किया गया है।
12 भाषाओं में जारी की गई हेल्थ एडवाइजरी
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि यह हेल्थ एडवाइजरी 12 भाषाओं में जारी की गई है। उन्होंने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से अनुरोध किया है कि इस एडवाइजरी का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें ताकि तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।