76,200 करोड़ रुपए खर्च कर यहां पोर्ट बनाएगी सरकार, 12 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर होंगे पैदा

Edited By Utsav Singh,Updated: 20 Jun, 2024 01:21 PM

the government will build a port here by spending rs 76 200 crore

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को महाराष्ट्र के वधावन में 76,200 करोड़ रुपये की लागत से हर मौसम में इस्तेमाल के अनुकूल एक विशाल बंदरगाह के विकास को मंजूरी दी।

नेशनल डेस्क : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को महाराष्ट्र के वधावन में 76,200 करोड़ रुपये की लागत से हर मौसम में इस्तेमाल के अनुकूल एक विशाल बंदरगाह के विकास को मंजूरी दी। आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस बंदरगाह परियोजना का निर्माण वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड (वीपीपीएल) करेगी जो जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) की एक विशेष उद्देश्यीय इकाई (एसपीवी) है। इसमें जेएनपीए और एमएमबी के पास क्रमशः 74 प्रतिशत और 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

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बयान के मुताबिक, वधावन में बनने वाला यह बंदरगाह दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में से एक होगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाता सम्मेलन में मंत्रिमंडल के इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि इस परियोजना से 12 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। बयान के मुताबिक, बंदरगाह परियोजना की कुल लागत 76,220 करोड़ रुपये है जिसमें भूमि अधिग्रहण पर आने वाला खर्च भी शामिल है। इस बड़े बंदरगाह में 9 कंटेनर टर्मिनल होंगे, जिनमें से हरेक टर्मिनल 1,000 मीटर लंबा होगा। इसमें चार बहुउद्देशीय लंगर क्षेत्र, 4 लिक्विड कार्गो लंगर, एक रो-रो लंगर और एक तटरक्षक लंगर शामिल होंगे। इस परियोजना की मुख्य ढांचागत संरचना, टर्मिनल का विकास और अन्य वाणिज्यिक ढांचे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से विकसित किया जाएगा।

मंत्रिमंडल बैठक में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वधावन बंदरगाह और राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच सड़क संपर्क स्थापित करने के साथ रेल मंत्रालय द्वारा मौजूदा रेल नेटवर्क और अलग से बन रहे माल ढुलाई ढुलाई गलियारे के लिए रेल संपर्क स्थापित करने को भी मंजूरी दी गई। बयान के मुताबिक, इस परियोजना से प्रति वर्ष 29.8 करोड़ टन की कुल क्षमता विकसित होगी। इसमें लगभग 2.32 करोड़ टीईयू (ट्वेंटी फुट समतुल्य) की कंटेनर हैंडलिंग क्षमता भी शामिल है।

बंदरगाह पर विकसित की जाने वाली क्षमताएं भारत,पश्चिम एशिया,यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईईसी) और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) के जरिये आयात-निर्यात गतिविधियों में भी मददगार साबित होंगी। बयान के मुताबिक, पीएम गति शक्ति कार्यक्रम के उद्देश्यों के अनुरूप यह परियोजना आगे की आर्थिक गतिविधि को बढ़ाएगी और इसमें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता भी होगी।

इस अवसर पर बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में भारत को महाराष्ट्र के वधावन में अपना 13वां प्रमुख बंदरगाह मिलने वाला है।'' उन्होंने कहा कि यह अत्याधुनिक बंदरगाह नए भारत का इंजीनियरिंग चमत्कार बनने जा रहा है, जो आर्थिक वृद्धि को गति देने के साथ इसके समुद्री क्षेत्र को दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल करने के लिए प्रेरित करेगा।
 

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