Edited By Harman Kaur,Updated: 20 Feb, 2025 01:08 PM

दिल्ली की राजनीति में एक नई नामचीन नेता रेखा गुप्ता के रूप में सामने आईं हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी साबित की है। दिल्ली के कई बड़े नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने रेखा गुप्ता को अपना नेता चुना, जो उनके...
नेशनल डेस्क: दिल्ली की राजनीति में एक नई नामचीन नेता रेखा गुप्ता के रूप में सामने आईं हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी साबित की है। दिल्ली के कई बड़े नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने रेखा गुप्ता को अपना नेता चुना, जो उनके संघर्ष और कार्यकुशलता की पहचान बन गई है।
चयन की प्रक्रिया
पार्टी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री पद के लिए रेखा गुप्ता का चयन कोई आसान काम नहीं था। इसके लिए पार्टी ने कई नेताओं से अलग-अलग बातचीत की। इसमें प्रमुख दावेदार जैसे प्रवेश वर्मा, सतीश उपाध्याय और विजेन्द्र गुप्ता शामिल थे। इन नेताओं के नामों पर विचार करने के बाद, सीनियर नेताओं ने रेखा गुप्ता के नाम का प्रस्ताव रखा। उनके नाम की मंजूरी राजकुमार चौहान, आशीष सूद और मनजिंदर सिंह सिरसा ने दी, जिसके बाद रेखा गुप्ता को विधायिका दल का नेता चुना गया।
शालीमार बाग से दूसरी मुख्यमंत्री
रेखा गुप्ता शालीमार बाग से मुख्यमंत्री बनने वाली दूसरी नेता हैं। इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा भी इसी क्षेत्र से चुने गए थे और उन्होंने मंत्री पद से लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया था।
लंबी विचार-विमर्श के बाद चयन
पार्टी सूत्रों के अनुसार, रेखा गुप्ता के नाम पर पहुंचने में लंबा विचार-विमर्श किया गया। उनका दिल्ली नगर निगम का अनुभव, उनकी स्वच्छ छवि और महिला होना उनके पक्ष में गया। वे अभी भी दिल्ली नगर निगम की पार्षद हैं और 2007 और 2012 में भी पार्षद रह चुकी हैं। विधायक दल की नेता बनने के बाद रेखा गुप्ता राजनिवास गईं और मुख्यमंत्री पद का दावा पेश किया। उनके साथ बैजयंत पांडा, वीरेन्द्र सचदेवा, सतीश उपाध्याय, विजेन्द्र गुप्ता और कई अन्य नेता भी उपस्थित थे।