Edited By Parveen Kumar,Updated: 28 Sep, 2024 06:49 PM
प्रख्यात ज्योतिषाचार्य दिवंगत पंडित कल्याण स्वरूप शास्त्री विद्यालंकार के पुत्र पंडित शिव कुमार शर्मा ने कहा कि आगामी 2 अक्तूबर को दूसरा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है।यह सूर्य ग्रहण भारतीयनुसार रात्रि 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा जो मध्यरात्रि 3.बजकर...
नेशनल डेस्क (रघुनंदन पराशर) : प्रख्यात ज्योतिषाचार्य दिवंगत पंडित कल्याण स्वरूप शास्त्री विद्यालंकार के पुत्र पंडित शिव कुमार शर्मा ने कहा कि आगामी 2 अक्तूबर को दूसरा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है।यह सूर्य ग्रहण भारतीयनुसार रात्रि 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा जो मध्यरात्रि 3.बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। यह वलयाकार सूर्यग्रहण होगा। वलयाकार या अग्नि वलय सूर्य ग्रहण तब लगता है जब नया चंद्रमा सूर्य के सामने की डिस्क को पूरी तरह कवर नहीं करता।
यह सूर्य ग्रहण दक्षिण अमरीका व चिली में दिखाई देगा जबकि यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर व उतरीं अफ्रीका आदि में नजर आएगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। पंडित शिव शर्मा ने कहा कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस लिए इसका कोई भी धार्मिक महत्व और न ही इसका सूतक काल लागू होगा। शास्त्रों के अनुसार जिस देश में ग्रहण दिखाई नहीं देता है वहां ग्रहण का कोई अच्छा और बुरा प्रभाव नहीं होता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान न करें ये काम
- सूर्यग्रहण के दौरान पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए। संभव हो तो घर के मंदिर को परदे से ढंक दें।
- सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। यदि बहुत जरूरी हो तो बच्चे, बूढ़े या गर्भवती महिलाएं जरूरी दवाएं ले सकते हैं और खा भी सकते हैं।
- सूर्य ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए और न ही घर से बाहर निकलना चाहिए। ऐसी स्थिति में घर में ही रहना ठीक माना गया है।
- ग्रहण के दौरान शारीरिक संबंध बनाना शुभ नहीं होता है। जो व्यक्ति ऐसा करता है, उसे भविष्य में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें और न ही किसी धारदार चीज जैसे चाकू, कैंची आदि का उपयोग करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें
- सूर्य ग्रहण के दौरान मन ही मन में मंत्र जाप कर सकते हैं। इस दौरान अपने ईष्ट या सूर्यदेव से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- जिन लोगों की राशि में सूर्यग्रहण हो, उन्हें राहु-केतु से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे वे ग्रहण के अशुभ फल से बच सकते हैं।
- सूर्य ग्रहण के दौरान धर्म ग्रंथ जैसे श्रीमद्भागवत, गीता आदि को पढ़ सकते हैं। इससे शुभ फल मिलते हैं।