Edited By Mahima,Updated: 01 Mar, 2025 04:38 PM
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गुजरात के जूनागढ़ में 13 महीने पहले लापता महिला दया सावलिया के कातिल को गिरफ्तार किया गया। हार्दिक सुखाड़िया नामक युवक ने महिला की हत्या कर शव को कुएं में फेंका था। पुलिस की लगातार जांच और पूछताछ के बाद हार्दिक ने अपना गुनाह कबूल किया। 27 फरवरी को...
नेशनल डेस्क: गुजरात के जूनागढ़ जिले से एक बेहद हैरान करने वाली और "दृश्यम" फिल्म जैसी घटनाक्रम की रिपोर्ट सामने आई है। यहां पुलिस ने 13 महीने बाद एक महिला की हत्या का रहस्य सुलझाया और कातिल को गिरफ्तार किया। इस दौरान एक ऐसा कातिल सामने आया, जो पुलिस के सामने था लेकिन सबूत न होने के कारण लंबे समय तक बचता रहा।
दया के गायब होने से पहले...
यह घटना जूनागढ़ के विसावदर तालुका के रूपावती गांव की है, जहां 35 वर्षीय दया सावलिया नामक महिला 13 महीने पहले अचानक लापता हो गई थीं। दया के गायब होने से पहले वह अपने घर में करीब 9.60 लाख रुपये के गहनों और नकदी के साथ मौजूद थीं, जो बाद में गायब हो गए। दया के पति वल्लभ ने जब अपनी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट विसावदर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई, तो पुलिस ने जांच शुरू की। इस मामले में एक स्थानीय व्यक्ति, हार्दिक सुखाड़िया नामक युवक की भूमिका संदिग्ध थी, जो दया के साथ रिश्ते में दिलचस्पी रखता था।
पुलिस को था शक, लेकिन नहीं थे सबूत
जब पुलिस ने हार्दिक से पूछताछ की तो उसने दावा किया कि दया किसी राहुल नामक व्यक्ति के साथ भाग गई थी, जिसके साथ उसके अवैध संबंध थे। हार्दिक ने खुद को बचाने के लिए कई कदम उठाए, जैसे मोबाइल फोन का इस्तेमाल बंद कर दिया ताकि पुलिस को कोई सुराग न मिले। हालांकि पुलिस को हार्दिक पर शक था, लेकिन कोई ठोस प्रमाण न होने के कारण वह उसे सीधे तौर पर गिरफ्तार नहीं कर पा रही थी। इस दौरान हार्दिक का नाम फोरेंसिक टेस्ट में भी सामने आया, लेकिन वह सभी जांचों से बचता रहा और पुलिस को गुमराह करता रहा।
हार्दिक ने अपना गुनाह कर लिया कबूल
मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी) को सौंप दी गई। पुलिस ने इस मामले में नई रणनीति अपनाते हुए हार्दिक से सख्त पूछताछ शुरू की। इस दौरान जांच टीम ने कुछ महत्वपूर्ण सबूतों और जांच रिपोर्ट के आधार पर हार्दिक से सवाल किए और उसे घेर लिया। धीरे-धीरे हार्दिक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि दया और वह रिश्ते में थे, लेकिन जब दया ने रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए दबाव डाला, तो हार्दिक ने उसे मारने की योजना बनाई। हार्दिक ने दया को सुनसान इलाके में बुलाया और वहां उसकी हत्या कर दी। फिर उसने शव को एक कुएं में फेंक दिया, ताकि पुलिस को कोई सुराग न मिले।
निशानदेही पर कुएं में दया का कंकाल बरामद
27 फरवरी को पुलिस ने हार्दिक की निशानदेही पर कुएं में दया का कंकाल बरामद किया। इसके बाद कंकाल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया, ताकि मृतका की हत्या के कारण और परिस्थितियों का पता चल सके। हार्दिक को गिरफ्तार कर लिया गया है, और पुलिस ने मामले की पूरी गहनता से जांच करना शुरू कर दिया है।
हार्दिक इस टेस्ट में भी सफल हो गया
हार्दिक का नाम जांच में तब सामने आया था जब पुलिस ने उसे फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) गांधीनगर में लेयर वॉयस एनालिसिस (एलवीए) टेस्ट के लिए भेजा था। यह टेस्ट संदिग्धों के मानसिक स्थिति और भावनात्मक संकेतों को समझने के लिए किया जाता है। हालांकि हार्दिक इस टेस्ट में भी सफल हो गया था, लेकिन पुलिस की अतिरिक्त जांच और हार्दिक की अपनी गलतियां अंततः उसकी गिरफ्तारी का कारण बनीं। पुलिस की पूछताछ ने उसे पूरी तरह से घेर लिया, और उसने अपने गुनाह को कबूल कर लिया।
किसी और के साथ भागकर अपना जीवन शुरू कर दिया
हार्दिक की शातिरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने पुलिस को पूरी तरह से गुमराह किया। वह इस विश्वास के साथ बार-बार पुलिस को भ्रमित करता रहा कि दया ने किसी और के साथ भागकर अपना जीवन शुरू कर दिया। उसने अपनी साक्षात मदद से खुद को बचाने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी बंद कर दिया, ताकि पुलिस को कोई सुराग न मिले। हालांकि, पुलिस की चतुराई और लगातार जांच ने अंततः हार्दिक की गिरफ्तारी सुनिश्चित की।
मामले की आगे की जांच
अब पुलिस मामले की पूरी गहनता से जांच कर रही है, और यह मामला नए तरीके से पुलिस कार्यशैली और फोरेंसिक साइंस के महत्व को उजागर करता है। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया है कि हत्या के पीछे के सभी कारणों और घटनाओं को सामने लाया जाएगा। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि क्या हार्दिक को किसी और आरोपी के साथ सहयोग था या यह एक अकेला अपराध था।