Edited By Rohini Oberoi,Updated: 27 Mar, 2025 03:36 PM

भारत की कॉफी इंडस्ट्री में बदलाव का एक नया दौर शुरू हो चुका है। अब उपभोक्ता पारंपरिक इंस्टेंट कॉफी की बजाय विशेष ब्रूइंग तकनीक और होम ब्रूइंग उपकरणों की ओर रुख कर रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बदलाव बढ़ती हुई आय, वैश्विक प्रभाव और स्वाद व...
नेशनल डेस्क। भारत की कॉफी इंडस्ट्री में बदलाव का एक नया दौर शुरू हो चुका है। अब उपभोक्ता पारंपरिक इंस्टेंट कॉफी की बजाय विशेष ब्रूइंग तकनीक और होम ब्रूइंग उपकरणों की ओर रुख कर रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बदलाव बढ़ती हुई आय, वैश्विक प्रभाव और स्वाद व गुणवत्ता को लेकर बढ़ती जागरूकता के कारण हो रहा है।
विशेष रूप से शहरी इलाकों में लोग अब सिंगल-ऑरिजिन बीन्स और आर्टिज़नल ब्रूइंग को प्राथमिकता दे रहे हैं। एक कॉफी विशेषज्ञ ने कहा, "आजकल उपभोक्ता अपनी कॉफी बनाने की प्रक्रिया को पूरी तरह से नियंत्रित करना चाहते हैं ताकि वे स्वाद और ताजगी पर ज्यादा ध्यान दे सकें।"
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होम ब्रूइंग मशीनों की बढ़ती मांग
भारत के बड़े शहरों में आधुनिक कॉफी बनाने वाली मशीनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। पूरी तरह से स्वचालित और कॉम्पैक्ट मशीनें जो कैफे जैसा स्वाद देती हैं अब उपभोक्ताओं के बीच एक ट्रेंड बन चुकी हैं। कॉस्टार कॉस्मो टीम का कहना है, "उपभोक्ता अब ऐसे उपकरणों में निवेश करने के लिए तैयार हैं जो बिना किसी पेशेवर कौशल के भी कैफे-जैसी कॉफी बना सकें।"
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संस्कृति और ब्रांड की विश्वसनीयता
रिपोर्ट के अनुसार 73% कॉफी उपभोक्ताओं का मानना है कि सांस्कृतिक विविधता किसी ब्रांड की विश्वसनीयता को बढ़ाती है। इसके अलावा विशेषज्ञों का कहना है कि जेन जेड उपभोक्ता अब व्यक्तिगत प्रचार से ज्यादा सामूहिक अनुभव और जानकारी पर विश्वास करते हैं।
इस बदलाव के साथ भारत की कॉफी इंडस्ट्री में आने वाले वर्षों में और तेजी से विकास हो सकता है जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय कॉफी की मांग बढ़ने की संभावना है।