Breaking




'काश ड्यूटी पर नहीं गया होता,' दिल्ली अग्निकांड में बेटे को खोने वाले पिता का दर्द झलका

Edited By Parveen Kumar,Updated: 28 Apr, 2025 11:28 PM

the pain of the father who lost his son in the delhi fire was evident

दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-17 की एक झुग्गी बस्ती में रविवार को लगी आग में ढाई साल के बेटे को खोने वाले मिठ्ठू ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि काश वह उस दिन काम पर नहीं गया होता। झुग्गी में आग लगने के दौरान मिठ्ठू का बेटा आलम (बिट्टू) फोन के साथ खेल...

नेशनल डेस्क : दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-17 की एक झुग्गी बस्ती में रविवार को लगी आग में ढाई साल के बेटे को खोने वाले मिठ्ठू ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि काश वह उस दिन काम पर नहीं गया होता। झुग्गी में आग लगने के दौरान मिठ्ठू का बेटा आलम (बिट्टू) फोन के साथ खेल रहा था। कूड़ा बीनने का काम करने वाले मिठ्ठू ने भावुक स्वर में कहा, "सब कुछ बहुत जल्दी में हुआ। लोग जैसे-तैसे बाहर भागे। किसी को पता नहीं चला कि बच्चा अंदर है। अगर मैं घर पर होता तो मैं उसे बचा लेता। उसकी मां तो रोते-रोते मर जाएगी।"

मिठ्ठू ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि एक महीने के भीतर ही वे झारखंड स्थित अपने गांव जाने वाले थे। उसने घर में काम करने वाली पत्नी के बारे में कहा, ‘‘उसकी मां और मैंने प्यार से उसका नाम बिट्टू रखा था। कल से उसकी मां रोना बंद नहीं कर रही है। इस समय मुझे उसकी ज्यादा चिंता है। अगर वह रोना बंद नहीं करेगी तो वह बच नहीं पाएगी।" उन्होंने कहा, "हमने पूरे परिवार के टिकट बुक कराए थे। करीब 1.5 लाख रुपये की बचत और कुछ गहने भी थे। लेकिन आग ने हमारा सब कुछ छीन लिया- बच्चा, छत और हमारी सारी जमा पूंजी।" करीब दो दशक से इस इलाके में रह रहे मिठ्ठू के चार और बच्चे हैं।

बिट्टू सबसे छोटा था। बच्चे के मामा जोसन (52) ने कहा, "अब उनके पास सिर छिपाने के लिए एक तंबू भी नहीं बचा। पूरी रात उसकी मां रोती रही। हमें उसकी सेहत की चिंता है।" इस अग्निकांड में तीन वर्षीय सायदा की भी मौत हुई। सायदा के पिता शमीम ने कहा, "मैं अपने बच्चों को बचाने के लिए गया था। बेटे तो मिल गया लेकिन बेटी नहीं मिली। सरकार क्या कर सकती है। क्या वो मेरी बेटी को लौटा सकती है। नहीं। फिर और क्या मांगूं।" परिजनों को अब भी मृत बच्चों के शवों का इंतजार है, जो पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं।

जोसन ने कहा, "हम कई घंटों से अस्पताल में शवों के मिलने का इंतजार कर रहे हैं ताकि अंतिम संस्कार कर सकें।" दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें सुबह 11:55 बजे आग लगने की सूचना मिली थी। अधिकारी ने कहा, "सूचना मिलते ही तत्काल 17 दमकल गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। आग की तीव्रता को देखते हुए 12:40 बजे इसे 'मध्यम श्रेणी' आग घोषित कर दिया गया और अतिरिक्त वाहन व कर्मी बुलाए गए। घटनास्थल पर कुल 26 दमकल गाड़ियां तैनात की गईं।"

डीएफएस के अनुसार, आग एक झोपड़ी से शुरू हुई और तेजी से पूरी बस्ती में फैल गई। अधिकारी ने कहा कि झुग्गियों के चारों ओर अपार्टमेंट की ऊंची दीवारें होने के कारण दमकल गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में कठिनाई हुई, जिससे राहत कार्य देर से शुरू हुआ। स्थानीय लोगों के अनुसार, बस्ती में उत्तर प्रदेश और बिहार से आए करीब 1,000 गरीब परिवार वर्षों से रह रहे थे। आग में अपनी झुग्गी खोने वाली गीता देवी ने कहा, "हमने सब कुछ खो दिया है। अब खुद को गर्मी से बचाने के लिए भी कुछ नहीं है। हम रोज 300-500 रुपये कमाते हैं। अब कहां जाएंगे? हम सरकार से उचित मुआवजे की मांग करते हैं।"

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!