Edited By Harman Kaur,Updated: 06 Feb, 2025 11:54 AM
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अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप की नीति के तहत उनकी वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है। इसी कड़ी में 104 भारतीयों का पहला जत्था अमृतसर पहुंच चुका है। ये लोग डंकी रूट (एक अवैध मार्ग) से अमेरिका गए थे। इनमें 33-33 भारतीय हरियाणा और...
नेशनल डेस्क: अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप की नीति के तहत उनकी वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है। इसी कड़ी में 104 भारतीयों का पहला जत्था अमृतसर पहुंच चुका है। ये लोग डंकी रूट (एक अवैध मार्ग) से अमेरिका गए थे। इनमें 33-33 भारतीय हरियाणा और गुजरात से, 30 पंजाब से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से और दो चंडीगढ़ से थे। अब, इनकी वापसी पर उनके परिवारों में गहरी चिंता और दुख का माहौल है। परिजनों का कहना है कि इन लोगों को अमेरिका भेजने के लिए उन्होंने एजेंट को 45 लाख रुपए दिए थे, जो कि कर्ज पर उठाए गए थे।
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45 लाख रुपए का कर्ज लेकर गए थे अमेरिका
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए एक व्यक्ति की पत्नी ने अपने दर्द को साझा किया। उन्होंने बताया कि उनके पति 10 महीने पहले अवैध रूप से अमेरिका गए थे। आखिरी बार उनकी बात 15 जनवरी को हुई थी, उसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चला। अब यह जानकारी मिली है कि उनके पति को डिपोर्ट कर दिया गया है। डंकी रूट से अमेरिका जाने के लिए उनके परिवार ने एजेंट को 45 लाख रुपए दिए थे, जो एक बड़ा कर्ज था।
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जसपाल ने बताई आपबीती
वहीं, पंजाब के गुरदासपुर जिले के निवासी जसपाल ने अपनी आपबीती बताई। उन्होंने बताया कि पिछले साल जुलाई में वह विमान से ब्राजील पहुंचे थे। वहां उन्हें यह वादा किया गया था कि अमेरिका की यात्रा भी विमान से होगी, लेकिन एजेंट ने उसे धोखा देते हुए अवैध तरीके से अमेरिका बॉर्डर क्रॉस करवा दिया। ब्राजील में जसपाल ने 6 महीने तक बिना वैध दस्तावेजों के जीवन बिताया। वह किसी से शिकायत नहीं कर सकते थे, क्योंकि ऐसा करने पर उनका भेद खुल जाता।
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जसपाल ने आगे बताया कि 24 जनवरी को उसे यूएस बॉर्डर पेट्रोल ने गिरफ्तार किया और 11 दिन कस्टडी में रखने के बाद उसे इस विमान में बैठाया गया। उन्होंने कहा कि वह अब टूट चुके हैं, क्योंकि उन्होंने उधार लेकर इतनी बड़ी रकम खर्च की थी। उन्होंने कहा कि, "मैंने एजेंट से कहा था कि वह मुझे वैध वीजा के साथ भेजे, लेकिन उसने मुझे धोखा दिया।" जसपाल के मुताबिक, यह सौदा 30 लाख रुपए में तय हुआ था। जसपाल के परिवार वालों ने बताया कि जसपाल सिंह एक मेहनती युवक हैं, जिन्होंने 8 साल तक सऊदी अरब और 4 साल तक कतर में काम किया है।
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केतुल पटेल की परेशान करने वाली कहानी
अमेरिका से लौटे केतुल पटेल की कहानी और भी दिलचस्प और परेशान करने वाली है। केतुल अपने परिवार के साथ सूरत के डिंडोली में रहते थे। एक साल पहले उन्होंने अपना फ्लैट बेचकर अमेरिका जाने का फैसला किया था। फ्लैट के नए मालिक प्रफुल्ल भाई ने बताया कि केतुल अमेरिका गया था। केतुल के पिता हसमुख भाई अहमदाबाद के खोरज में दर्जी का काम करते हैं। हालांकि, जब उनसे इस बारे में बात की गई, तो हसमुख पटेल ने कैमरा पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। यह घटनाएं न केवल उन परिवारों के लिए दर्दनाक हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि अवैध तरीके से विदेश जाने के खतरों को लेकर लोगों को और अधिक जागरूक करने की आवश्यकता है।