'जो व्यक्ति बच्चों का शोषण करता है, उसे ईश्वर को जवाब देना पड़ेगा'

Edited By Mahima,Updated: 08 Jan, 2025 05:12 PM

the person who exploits children must give up his life to god pope francis

पोप फ्रांसिस ने बाल श्रम और बच्चों के शोषण की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि जो व्यक्ति बच्चों को नुकसान पहुंचाता है, उसे ईश्वर को जवाब देना पड़ेगा। उन्होंने अपनी साप्ताहिक धर्मशिक्षा में कहा कि बच्चों को विशेष स्थान प्राप्त है और उनका शोषण अस्वीकार्य...

नेशनल डेस्क: पोप फ्रांसिस ने बुधवार को बच्चों के शोषण, बाल मजदूरी और उनके साथ होने वाले अन्य दुर्व्यवहारों की निंदा करते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति बच्चों को नुकसान पहुंचाता है और उनका शोषण करता है, उसे ईश्वर को जवाब देना पड़ेगा। पोप ने यह बयान अपने साल 2025 के पहले धर्मशिक्षा पाठ में दिया, जब उन्होंने अपनी साप्ताहिक प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों की दुर्दशा पर जोर दिया।

बाल श्रम और बच्चों के शोषण पर पोप की सख्त चेतावनी
पोप फ्रांसिस ने कहा, "ईश्वर के हृदय में बच्चों को विशेष स्थान प्राप्त है।" उन्होंने आस्थावान लोगों से अपील की कि वे बाल श्रम और बच्चों के साथ हो रहे अन्य प्रकार के शोषण पर उदासीन नहीं रहें। "जो कोई बच्चों को नुकसान पहुंचाएगा और उनका शोषण करेगा, वह ईश्वर के प्रति जवाबदेह होगा," पोप ने सख्त शब्दों में यह चेतावनी दी। उनका यह बयान तब आया है जब दुनिया भर में बच्चों के शोषण के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं और इसके खिलाफ ठोस कदम उठाए जाने की मांग की जा रही है।

अपने लालच के लिए अफ्रीका महाद्वीप को लूट रही...
पोप फ्रांसिस ने पहले भी कई मौकों पर बाल श्रम की कड़ी निंदा की है। खासकर जब वह विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो यह मुद्दा उनकी धर्मशिक्षा और प्रार्थना सभाओं में प्रमुख रूप से उठता है। उनके लिए बच्चों के अधिकारों की रक्षा और उनकी भलाई सर्वोपरि है। पोप का कहना है कि बच्चे हमारे समाज की सबसे मूल्यवान संपत्ति हैं, और उनका शोषण और दुर्व्यवहार किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जा सकता। पोप ने 2023 में अपनी कांगो यात्रा के दौरान भी इस मुद्दे को उठाया था। कांगो में बच्चों के शोषण और बाल श्रम के गंभीर मामले सामने आए हैं, खासकर वहां के खनन उद्योग में। पोप ने उस समय कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि विदेशी शक्तियां और खनन कंपनियां कांगो के प्राकृतिक संसाधनों को निकालने के लिए बच्चों का इस्तेमाल कर रही हैं। उन्होंने कहा था, "ये शक्तियां अपने लालच के लिए अफ्रीका महाद्वीप को लूट रही हैं और इस प्रक्रिया में बच्चों को शोषित कर रही हैं।"

कांगो में बाल श्रम के हालात 
कांगो में बाल श्रम का मुद्दा बेहद गंभीर है, जहां हजारों बच्चे खनन कार्यों में लगाए जाते हैं। इन बच्चों का शोषण अक्सर विदेशी कंपनियों द्वारा किया जाता है, जो कांगो के खनिज संसाधनों को निकालने के लिए कड़ी मेहनत और जोखिम भरे कार्यों में बच्चों को लगा देती हैं। पोप फ्रांसिस ने यह भी कहा था कि यह स्थिति केवल कांगो तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में बच्चों का शोषण और उनके श्रम का उपयोग किया जा रहा है, जो समाज की बहुत बड़ी विफलता है।

बाल अधिकारों पर पोप का लगातार समर्थन
पोप फ्रांसिस बच्चों के अधिकारों और उनके संरक्षण के लिए लगातार आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने कई बार यह कहा है कि समाज में बच्चों का स्थान सर्वोपरि है और हमें उन्हें किसी भी प्रकार के शोषण और हिंसा से बचाना होगा। उनका मानना है कि बच्चे केवल भविष्य के नागरिक नहीं होते, बल्कि वे वर्तमान में भी समाज का अहम हिस्सा होते हैं और उनका संरक्षण हर हाल में सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उनकी अपील इस दिशा में महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने धर्म और समाज दोनों को यह संदेश दिया है कि बच्चों का शोषण किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और इसे समाप्त करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाने चाहिए।

दुनिया भर में बाल श्रम की गंभीरता 
दुनिया भर में बाल श्रम की समस्या एक जटिल और गंभीर मुद्दा है, और कई देशों में यह पूरी तरह से समाप्त नहीं हो सका है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार संगठन बाल श्रम की समस्या के खिलाफ सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और इस पर कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, बाल श्रम और शोषण पर कई देशों में कड़े कानून और नियम लागू किए गए हैं, फिर भी यह समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं हो सकी है। पोप का यह बयान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि धार्मिक नेता के रूप में उनका प्रभाव बहुत बड़ा है और यह विश्व समुदाय को इस मुद्दे पर और अधिक जागरूक करने में सहायक हो सकता है।

पोप फ्रांसिस का यह बयान बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और उनके शोषण के खिलाफ एक मजबूत संदेश देता है। उनका यह कहना कि जो व्यक्ति बच्चों का शोषण करता है, उसे ईश्वर के सामने जवाब देना पड़ेगा, यह एक स्पष्ट चेतावनी है। बाल श्रम और बच्चों के शोषण पर उनके लगातार बयान और विदेश यात्रा के दौरान इस मुद्दे को उठाने से यह साबित होता है कि पोप इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेते हैं और इसका समाधान चाहतें हैं। अब यह आवश्यक हो जाता है कि दुनिया भर के सरकारें और समाज इस दिशा में मिलकर काम करें ताकि बच्चों को उनकी अधिकारों से वंचित न किया जा सके और उनका जीवन बेहतर बन सके।

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