इस प्रसिद्ध मंदिर का प्रसाद खाने लायक नहीं, लैब रिपोर्ट में खुलासा, हर साल आते हैं 50 लाख से अधिक श्रद्धालु

Edited By Pardeep,Updated: 19 Nov, 2024 11:54 PM

the prasad of this famous temple is not worth eating

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के दियोटसिद्ध में बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट की दुकान पर ‘प्रसाद' के रूप में बेचे जाने वाले ‘रोट' के नमूने जांच में खाने लायक नहीं पाए गए हैं।

नेशनल डेस्कः हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के दियोटसिद्ध में बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट की दुकान पर ‘प्रसाद' के रूप में बेचे जाने वाले ‘रोट' के नमूने जांच में खाने लायक नहीं पाए गए हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। ‘रोट' बनाने के लिए गेहूं के आटे, चीनी और देसी घी या वनस्पति तेल का इस्तेमाल किया जाता है। हर साल लगभग 50-75 लाख श्रद्धालु बाबा बालक नाथ के प्राचीन गुफा मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। वे बाबा बालक नाथ को ‘प्रसाद' के रूप में ‘रोट', मिठाइयां और अन्य चीजें चढ़ाते हैं। 

अधिकारियों के मुताबिक, बाबा बालक नाथ मंदिर में चढ़ाए जाने वाले ‘रोट' को लेकर कई शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग ने मंदिर से ‘रोट' के नमूने लिए और उन्हें जांच के लिए सोलन जिले की कंडाघाट प्रयोगशाला में भेजा। उन्होंने बताया कि जांच में मंदिर में चढ़ाए जाने वाले ‘रोट' खाने लायक नहीं पाए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि ‘प्रसाद' के रूप में चढ़ाए गए ‘रोट' बासी थे और ये सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। 

सहायक आयुक्त (खाद्य एवं सुरक्षा) अनिल शर्मा ने जांच रिपोर्ट के हवाले से बताया कि ‘रोट' के नमूने जांच में फेल हो गए हैं और विभाग दिशा-निर्देशों के मुताबिक कार्रवाई करेगा। होशियारपुर के एक श्रद्धालु मोहन सिंह ने कहा कि ‘रोट' की गुणवत्ता से अनजान लाखों श्रद्धालु उन्हें ‘प्रसाद' के रूप में ग्रहण करते हैं। सिंह ने बताया कि कई लोग ‘रोट' को महीनों अपने घर में रखते हैं और उन्हें प्रसाद के रूप में खाते हैं। 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!