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Corona वाले मरीजों में इस गंभीर बीमारी का बढ़ रहा खतरा, जानिए इसके लक्षण और कारण!

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 07 Feb, 2025 04:35 PM

the risk of this serious disease is increasing in corona patients

इंपीरियल कॉलेज लंदन के रिसर्चर्स ने एक नई रिसर्च में यह पाया है कि जिन लोगों ने कोविड-19 का इलाज कराया है उनमें अल्जाइमर जैसी बीमारी के बायोमार्कर के स्तर में वृद्धि होने की संभावना अधिक देखी गई है। रिसर्च से यह सामने आया कि कोविड-19 से ठीक होने...

नेशनल डेस्क। इंपीरियल कॉलेज लंदन के रिसर्चर्स ने एक नई रिसर्च में यह पाया है कि जिन लोगों ने कोविड-19 का इलाज कराया है उनमें अल्जाइमर जैसी बीमारी के बायोमार्कर के स्तर में वृद्धि होने की संभावना अधिक देखी गई है। रिसर्च से यह सामने आया कि कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों में एमिलॉयड प्रोटीन से जुड़ी बायोमार्कर की मात्रा बढ़ी थी जो अल्जाइमर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। यह वृद्धि, चार साल की उम्र बढ़ने के समान मानी जा सकती है।

एमिलॉयड प्रोटीन का क्या है कनेक्शन?

एमिलॉयड प्रोटीन एक सामान्य प्रोटीन है जो शरीर के विभिन्न कार्यों में मदद करता है। हालांकि जब इसका असामान्य रूप जिसे बीटा-एमिलॉयड (Aβ) कहा जाता है बनता है तो यह कई बीमारियों का कारण बन सकता है। यह प्रोटीन मस्तिष्क में जमा होने लगता है और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का कारण बनता है।

 

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कोविड-19 का असर

रिसर्च से यह भी पता चला है कि हल्के से लेकर गंभीर कोविड-19 संक्रमण तक यह बायोलॉजिकल प्रक्रिया को तेज कर सकता है जो मस्तिष्क में एमिलॉयड प्रोटीन का निर्माण बढ़ाता है। विशेष रूप से गंभीर कोविड-19 के साथ अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों में यह प्रभाव अधिक देखा गया है।

अल्जाइमर और कोविड-19 के बीच संबंध

अल्जाइमर एक मस्तिष्क की बीमारी है जिसमें दिमाग की कोशिकाएं मरने लगती हैं जिससे याददाश्त में कमी आती है और सोचने की क्षमता प्रभावित होती है। कोविड-19 के संक्रमण के बाद दिमाग पर असर हो सकता है जिससे लंबे समय में न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जैसे सिर दर्द, मानसिक भ्रम और यहां तक कि अल्जाइमर की संभावना भी बढ़ सकती है।

 

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कोविड-19 के दिमाग पर असर

कोविड-19 के कारण हल्के से गंभीर सूजन, दौरे और स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं। संक्रमित होने के बाद कई मरीज मानसिक भ्रम, सिरदर्द, चक्कर और धुंधली दृष्टि जैसी समस्याओं से गुजरते हैं। इन लक्षणों का कोविड-19 और अल्जाइमर के बीच कनेक्शन को स्पष्ट करने में मदद मिल सकती है।

अल्जाइमर और डिमेंशिया पर एक समीक्षा में कोविड-19 और अल्जाइमर के बीच संभावित संबंध को जांचा गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार अल्जाइमर के लक्षण 60 साल की उम्र के आसपास दिखने लगते हैं लेकिन कोविड-19 के प्रभाव से यह लक्षण समय से पहले दिख सकते हैं। हालांकि अधिकांश लोग कोविड-19 से बच जाएंगे लेकिन लंबे समय में उन्हें डिमेंशिया और विकलांगता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

रिसर्च से जुड़ा शोध

कोविड-19 और दिमाग पर इसके प्रभाव को समझने के लिए 30 देशों के प्रतिनिधि, अल्जाइमर एसोसिएशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक मंच पर आकर इस संबंध को जांचने की कोशिश की है। शोध से यह सामने आया है कि कोविड-19 वायरस दिमाग में गंभीर सूजन पैदा कर सकता है और इसके कारण न्यूरोलॉजिकल समस्याएं बढ़ सकती हैं।

इस शोध से यह साबित होता है कि कोविड-19 और अल्जाइमर के बीच एक गहरा संबंध हो सकता है और इसका अध्ययन और ध्यान से इलाज किया जाना चाहिए।

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