Edited By Chandan,Updated: 10 Oct, 2019 01:12 PM
दुनिया को देखने का हर इंसान का अपना एक अलग नजरिया होता है। किसी को स्काई ब्लू दिखता है तो किसी के लिए स्काई पिंक है। ऐसी ही एक अनोखी और फ्रेश कहनी बड़े पर्दे पर लेकर आई हैं शोनाली बोस (shonali bose) जिसका नाम है ‘द स्काई इज पिंक’ (The Sky Is Pink)।
फिल्म - द स्काई इज पिंक’/The Sky Is Pink
निर्देशक - शोनाली बोस (shonali bose)
स्टारकास्ट - प्रियंका चोपड़ा, फरहान अख्तर, रोहित सराफ और जायरा वसीम
रेटिंग - 3.5/5 स्टार
नई दिल्ली। दुनिया को देखने का हर इंसान का अपना एक अलग नजरिया होता है। किसी को स्काई ब्लू दिखता है तो किसी के लिए स्काई पिंक है। ऐसी ही एक अनोखी और फ्रेश काहनी बड़े पर्दे पर लेकर आई हैं शोनाली बोस (Shonali bose) जिसका नाम है ‘द स्काई इज पिंक’ (The sky is Pink)। फिल्म में दिल छू लेने वाली एक छोटे से परिवार की खूबसूरत सी कहानी है जोकि एक सच्ची घटना पर आधारित है। इस सच्ची कहानी में अदिति चौधरी (प्रियंका चोपड़ा), नीरेन चौधरी (फरहान अख्तर), ईशान चौधरी (रोहित सराफ) और आइशा चौधरी (जायरा वसीम) की कहानी दिखाई गई है।
कहानी
फिल्म में दिल्ली के चांदनी चौक के रहने वाले नीरेन (फरहान अख्तर) और साउथ दिल्ली की अदिति (प्रियंका चोपड़ा) की कहानी को दिखाया गया है। काफी साल रिलेशनशिप में रहने के बाद दोनों शादी के बंधन में बंध जाते हैं। दोनों की लाइफ में सब कुछ अच्छा चल रहा होता है लेकिन उनके जीवन में दुख का पहाड़ तो तब टूटता है जब उनकी पहली बेटी की एक साल के अंदर मौत हो जाती है।
दरअसल, नीरेन और अदिती के जीन में कुछ फॉल्ट होता है जिसका खामियाजा उनके बच्चों को भुगतना पड़ता है। वहीं जब उनकी दूसरी बेटी आइशा (जायरा वसीम) का जन्म होता तो वो भी अपने जन्म के साथ वही बीमारी लेकर पैदा होती है जिस वजह से उनकी पहली बेटी की जान गई थी।
वहीं इस बार नीरेन और अदिती किसी भी कीमत पर आइशा को खोना नहीं चाहते। इसके लिए वो दोनों भीख मांगने तक तो तैयार थे। इसके लिए जैसे-तैसे पैसे इक्टठा करके दोनों लंदन आइशा के इलाज के लिए चले तो जाते हैं, लेकिन तभी पता चलता है कि आइशा के इलाज के लिए उन्हें जितने पैसे चाहिए वो चांद पर जाने से कम नहीं है।
इसके बाद फिल्म की कहानी आइशा के इर्द-रिर्द ही घूमती है। वहीं नीरेन और अदिती के इतने संघर्श के बाद क्या वो अपनी बेटी आइशा की जान बचा पाएंगे या नहीं.... इसके लिए आपको सिनेमाघर तक जाना पड़ेगा।
एक्टिंग
एक्टिंग के मामले में किसकी तारीफ ज्यादा करें किसी कम, ये तय कर पाना मुश्किल है। क्योंकि बात चाहे प्रियंका के एक जिम्मेदार मां के किरदार की करें या फरहान के एक वैसे पिता के किरदार की करें, जिन्होंने अपनी बेटी की जान बचाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा दी। दोनों ही स्टार्स ने अपने अपने किरदार को बड़े पर्दे पर बखूबी जिया है तो वहीं आइशा के बड़े भाई के किरदार में रोहित भी जमे हैं।
अब बात करते हैं जायरा वसीम की जिन्होंने फिल्मों को तो अलविदा कह दिया है लेकिन जाते-जाते उनका ये किरदार सभी के दिल को छू गया।
डायरेक्शन
शोनाली बोस ने इस कहानी में जो क्रिएटिविटी दिखाई है वो वाकई में काबिले-तारीफ है। आइशा के किरदार को उन्होंने कुछ इस तरह से बड़े पर्दे पर परोसा है कि थिएटर से निकलते समय आपकी आंखे नम जरूर हो जाएंगी। शोनाली बोस ने इस फिल्म के जरिए ये साबित कर दिया है कि वो लंबी रेस का घोड़ा है। जी हां, उनके बेहतरीन डायरेक्श ने फिल्म में जान डाल दी है।