Edited By Rohini Oberoi,Updated: 25 Mar, 2025 03:45 PM

गुजरात सरकार राज्य में विकास को पहुंचाने के लिए लगातार नए कदम उठा रही है। इसी कड़ी में राज्य में कई प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है। अब गुजरात के छोटा उदेपुर जिले में राज्य का पहला रबर बांध बनाने की योजना बनाई गई है। यह बांध जिले के बोडेली तालुका के...
नेशनल डेस्क। गुजरात सरकार राज्य में विकास को पहुंचाने के लिए लगातार नए कदम उठा रही है। इसी कड़ी में राज्य में कई प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है। अब गुजरात के छोटा उदेपुर जिले में राज्य का पहला रबर बांध बनाने की योजना बनाई गई है। यह बांध जिले के बोडेली तालुका के राजवासना गांव में हेरान नदी पर बनेगा। इस रबर बांध के निर्माण में 100 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है। इस बांध से बोडेली के 60 गांवों को सिंचाई और पीने का पानी मिलेगा जिससे इलाके में पानी की समस्या हल हो सकेगी। खास बात यह है कि इस नई टेक्नोलॉजी के जरिए जल संकट को खत्म किया जाएगा।
राजवासना बांध का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा
राजवासना बांध का निर्माण पहले मुंबई राज्य के दौरान किया गया था लेकिन अब यह बांध जर्जर हो चुका है। इसमें 30 फीट मिट्टी और रेत भर चुकी है जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या को दूर करने के लिए गुजरात सरकार ने राजवासना बांध के जीर्णोद्धार के लिए 128 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसके बाद जल्द ही इसका शिलान्यास होगा और बांध निर्माण का कार्य शुरू होगा।
सरकार द्वारा मंजूर किए गए 128 करोड़ रुपये में से 100 करोड़ रुपये बांध के निर्माण के लिए और 28 करोड़ रुपये बांध की नहरों के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। इस रबर बांध के निर्माण से क्षेत्र का जलस्तर बढ़ेगा और आसपास के गांवों को सिंचाई का पानी मिलेगा।
रबर बांध की विशेषताएं
सुखी सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता धवल पटेल ने बताया कि राजवासना में हेरान नदी पर रबर बांध का काम दो चरणों में किया जाएगा। मानसून के दौरान रबर बांध से हवा निकाल दी जाएगी ताकि पानी और तलछट को हटाया जा सके। मानसून के बाद बांध को फिर से भर दिया जाएगा जिससे जल संग्रहण किया जा सके। इस नई तकनीक से क्षेत्र के 60 गांवों को पीने का पानी और सिंचाई का पानी मिलेगा।
गुजरात सरकार का यह कदम राज्य में पानी की समस्या को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रबर बांध की इस तकनीकी से विकास की नई राहें खुलेंगी और किसानों को पानी की परेशानी से राहत मिलेगी।