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महाकुंभ का तीसरा ‘अमृत स्नान’ शुरू, लाखों श्रद्धालुओं का उमड़ा हुजूम

Edited By Pardeep,Updated: 03 Feb, 2025 06:59 AM

the third amrit snan of maha kumbh begins lakhs of devotees gather

बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर, प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ मेले में तीसरा और भव्य ‘अमृत स्नान’ शुरू हो चुका है। इस धार्मिक आयोजन में दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु हिस्सा ले रहे हैं। भोर होते ही, विभिन्न अखाड़ों के नागाओं सहित साधुओं का एक विशाल जत्था...

नेशनल डेस्कः बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर, प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ मेले में तीसरा और भव्य ‘अमृत स्नान’ शुरू हो चुका है। इस धार्मिक आयोजन में दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु हिस्सा ले रहे हैं। भोर होते ही, विभिन्न अखाड़ों के नागाओं सहित साधुओं का एक विशाल जत्था त्रिवेणी संगम की ओर अपनी यात्रा पर निकला और वहां पवित्र स्नान शुरू किया। विशेष महत्व इस स्नान को इस बार इसलिए प्राप्त है क्योंकि पिछले ‘अमृत स्नान’ के दौरान भगदड़ मचने के कारण 30 से अधिक लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। इस बार सुरक्षा इंतजामों को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। 

अब तक 33 करोड़ श्रद्धालु लगा चुके हैं डुबकी 
महाकुंभ मेला अब तक विश्वभर से 33 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर चुका है। उत्तर प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि आज लगभग पांच करोड़ तीर्थयात्री इस पवित्र अवसर पर संगम में डुबकी लगाएंगे। ‘मौनी अमावस्या’ के बाद अब तक किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन उपायों को और अधिक सख्त कर दिया है। प्रशासन ने इस बार मेला क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निरीक्षण 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को महाकुंभ मेला क्षेत्र का दौरा किया और तैयारियों का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने इस अवसर पर अतिरिक्त कर्मियों, चिकित्सा कर्मचारियों और संसाधनों को तैनात करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बात का भी ध्यान रखा कि इस बार अमृत स्नान के आयोजन में किसी प्रकार की कोई भी अप्रिय घटना न हो, और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। 

अखाड़ों का क्रम और अमृत स्नान की शुरुआत 
महाकुंभ के अमृत स्नान (जिसे पहले ‘शाही स्नान’ के नाम से जाना जाता था) का शुभारंभ सुबह 4 बजे संन्यासी संप्रदाय के अखाड़ों से हुआ। पवित्र जुलूस का नेतृत्व प्रमुख अखाड़ों जैसे श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा, श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा, और अन्य ने किया। 

40 मिनट का समय आवंटित 
प्रत्येक अखाड़े को 40 मिनट का समय दिया गया है ताकि वे अपने अनुष्ठान पूरा कर सकें। पहला जुलूस अपने पवित्र स्नान के बाद सुबह 8.30 बजे तक अपने शिविरों में लौट जाएगा। इसके बाद बैरागी संप्रदाय के अखाड़े स्नान करेंगे, जो सुबह 8.25 बजे से शुरू हुआ। इन जुलूसों में अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा, और श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा शामिल हैं। ये स्नान दोपहर 12.35 बजे समाप्त होंगे। अंतिम समूह, जो उदासीन संप्रदाय से संबंधित है, 11 बजे अपनी यात्रा शुरू करेगा। इन अखाड़ों में श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, श्री पंचायती बड़ा उदासीन निर्वाण और श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा शामिल हैं। यह स्नान 3.55 बजे तक संपन्न होगा। 

महाकुंभ के अमृत स्नान का धार्मिक महत्व 
महाकुंभ मेला हर 12 साल में आयोजित होता है और यह धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल का त्रिवेणी योग बेहद खास है क्योंकि यह 144 वर्षों में एक बार बनने वाला दुर्लभ खगोलीय संरेखण है। यह ग्रहों की स्थिति -सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति -संगम की आध्यात्मिक शक्ति को और बढ़ाती है, जो इसे एक अत्यधिक शुभ अवसर बना देती है।

अमृत स्नान की तारीखें इस खगोलीय संरेखण के आधार पर निर्धारित की जाती हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए खास आस्था का विषय हैं। इन विशेष संयोगों के दौरान लाखों श्रद्धालु इस पवित्र स्नान को करने के लिए संगम में आते हैं, ताकि वे अपने पापों से मुक्त हो सकें और मोक्ष की प्राप्ति कर सकें। महाकुंभ का यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।

 

 

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