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कनाडा के समाजसेवी Gurcharan Singh Banwait की असलियत आई सामने, जिसे बता रहा था समाजसेवी, वह निकला खालिस्तान समर्थक

Edited By Mahima,Updated: 25 Jan, 2025 09:43 AM

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कनाडा के समाजसेवी के रूप में पहचाने जाने वाले गुरचरण सिंह बनवैत की असलियत अब सामने आई है। वह खालिस्तान समर्थक होने के साथ-साथ आतंकवादी गतिविधियों में भी शामिल रहा है। एयर इंडिया को बम से उड़ाने की साजिश और पाकिस्तान का समर्थन करने के बावजूद, गुरचरण...

नेशनल डेस्क: कनाडा में एक समय समाजसेवी के रूप में पहचाने जाने वाले गुरचरण सिंह बनवैत का असली चेहरा अब सामने आ गया है। एक विस्तृत पड़ताल में यह खुलासा हुआ है कि गुरचरण सिंह न केवल खालिस्तान समर्थक हैं, बल्कि उनका नाम आतंकवादी गतिविधियों से भी जुड़ा है। कनाडा के सरकारी समाचार चैनल CBC द्वारा 20 जनवरी को प्रसारित एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुरचरण सिंह को भारत ने 36 घंटे के लिए हिरासत में लिया था और फिर उन्हें कनाडा वापस भेज दिया था। CBC ने यह दावा किया कि यह भारत की सिखों को ब्लैकलिस्ट करने की नीति का हिस्सा था और गुरचरण सिंह को समाजसेवी के रूप में पेश किया था। 

गुरचरण सिंह एक खालिस्तान समर्थक हैं
लेकिन जांच में यह खुलासा हुआ कि गुरचरण सिंह एक खालिस्तान समर्थक हैं और उनका नाम 1986 में एयर इंडिया के विमान को बम से उड़ाने की साजिश से जुड़ा था। न्यूयॉर्क टाइम्स की 31 मई 1986 की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें गुरचरण सिंह का नाम भी शामिल था। इन सभी अभियुक्तों का संबंध खालिस्तानी आतंकवादी संगठन "बब्बर खालसा" से हो सकता था। हालांकि, सबूतों के अभाव में उन्हें अदालत से बरी कर दिया गया। 

गुरचरण सिंह कई सालों तक अंडरग्राउंड रहे 
इस घटनाक्रम के बाद, गुरचरण सिंह कई सालों तक अंडरग्राउंड रहे और भारत नहीं आए। हालांकि, 2010 के बाद उन्होंने अपने खिलाफ जांच एजेंसियों की निगरानी से बचकर NGO बनाने की कोशिश की और भारत आने-जाने लगे। यह दिखाने की कोशिश की कि वह एक समाजसेवी हैं, जबकि उन्होंने अपनी खालिस्तानी विचारधारा को समाज में फैलाने के लिए कई तरीके अपनाए। 

भारत में खालिस्तान का प्रचार
गुरचरण सिंह का खालिस्तान का प्रचार भारत में भी किया गया था। 4 जनवरी 2017 को, वह बिहार की राजधानी पटना आए थे, जब सिख गुरु गुरुगोबिंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव का आयोजन किया जा रहा था। उस दौरान उन्होंने फेसबुक लाइव किया था, जिसमें उसने 'बिहार बन गया खालिस्तान' का संदेश दिया। यह वीडियो आज भी उनके फेसबुक अकाउंट पर मौजूद है। इसके अलावा, 2016 में भी उसने खालिस्तान रेफरेंडम पर एक पोस्ट शेयर किया था, जिसमें 'खालिस्तान जिंदाबाद' लिखा था, हालांकि बाद में उसने यह पोस्ट हटा दी थी।

भारत के खिलाफ भी दिए कई बयान
गुरचरण सिंह न केवल खालिस्तान की विचारधारा को फैलाता रहा, बल्कि भारत के खिलाफ भी कई बयान देता रहा। 1 मार्च 2019 को उसने विंग कमांडर अभिनंदन का वीडियो शेयर करते हुए भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके अलावा, वह पाकिस्तान का भी खुलकर समर्थन करता था, और पाकिस्तान जाने के बाद उसकी तस्वीरें भी सामने आईं, जिसमें वह पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ दिखाई दे रहा था। 

भारत सरकार द्वारा जारी ओवरसीज सिटीजन
इतना ही नहीं, गुरचरण सिंह साल 2010 से लेकर 2024 तक कई बार भारत आ चुका था। 2020 में वह भारत के प्रसिद्ध कॉमेडी शो में भी दिखाई दिया था। इसके साथ ही, गुरचरण सिंह के पास भारत सरकार द्वारा जारी ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड भी था, जो भारतीय नागरिकता नहीं रखने वाले विदेशियों को दी जाती है। इस बात से यह सवाल उठता है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने गुरचरण सिंह पर नजर क्यों नहीं रखी, और वह भारत में बिना किसी रोक-टोक के कैसे आता-जाता रहा। गुरचरण सिंह बनवैत के खालिस्तान समर्थक और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के बावजूद, वह भारत में कई बार बिना किसी बाधा के आया-जाया। भारतीय एजेंसियों के पास उसके खिलाफ ठोस सबूत होने के बावजूद वह लंबे समय तक उनके रडार से बाहर कैसे रहा, यह एक बड़ा सवाल बन चुका है। इसके अलावा, वह पाकिस्तान के समर्थन में लिखता रहा और भारत के खिलाफ कई बयान देता रहा, फिर भी भारतीय खुफिया एजेंसियों ने उसे क्यों नहीं रोका?
 

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