mahakumb

Maha Kumbh में रबड़ी वाले बाबा की अनोखी कहानी, हर दिन 130 लीटर दूध से बनती है रबड़ी, बांटने का तरीका है अलग

Edited By Mahima,Updated: 16 Jan, 2025 03:33 PM

the unique story of rabri baba in maha kumbh

Maha Kumbh में रबड़ी वाले बाबा, श्री महंत देवगिरी जी महाराज, हर दिन 130 लीटर दूध से रबड़ी बनाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित करते हैं। उनका सिद्धांत है कि रबड़ी बांटी नहीं जाती, बल्कि श्रद्धा और भक्ति के साथ खिलाई जाती है। उनका तरीका...

नेशनल डेस्क: प्रयागराज Maha Kumbh में श्रद्धालुओं की आस्था और साधु-संतों की कहानियां हमेशा ही चर्चा का विषय बनती हैं। इस बार एक बाबा की अनोखी सेवा ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है, जिन्हें 'रबड़ी वाले बाबा' के नाम से जाना जाता है। उनका नाम श्री महंत देवगिरी जी महाराज है और वे हर दिन Maha Kumbh में रबड़ी का प्रसाद वितरित करते हैं। उनकी सेवा और उनका तरीका श्रद्धालुओं के बीच खासा आकर्षण बन गया है।

श्रद्धालुओं को एक विशेष तरह का प्रसाद
श्री महंत देवगिरी जी महाराज का मानना है कि Maha Kumbh के पवित्र अवसर पर श्रद्धालुओं को एक विशेष तरह का प्रसाद देना चाहिए। इसी के तहत वे हर दिन करीब 130 लीटर दूध से रबड़ी तैयार करते हैं। वे बताते हैं कि रबड़ी बनाने का यह कार्य दिन-रात चलता रहता है, ताकि जितने भी श्रद्धालु आकर प्रसाद ग्रहण करें, उन्हें ताजे और स्वादिष्ट प्रसाद का अनुभव हो सके। 

स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए रबड़ी बनाना
देवगिरी जी महाराज ने बताया कि रबड़ी बनाने में वे केवल दूध और मध्यम मात्रा में शक्कर का उपयोग करते हैं, ताकि यह प्रसाद सभी के लिए सुरक्षित रहे। उनका मुख्य उद्देश्य यह है कि रबड़ी का सेवन करने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या, जैसे कि डायबिटीज, का सामना न करना पड़े। इसलिए वे चीनी की मात्रा बहुत कम रखते हैं और रबड़ी को बहुत हल्की और स्वादिष्ट बनाते हैं, ताकि सभी लोग इसका आनंद ले सकें।

रबड़ी बांटने का तरीका
रबड़ी वाले बाबा का मानना है कि रबड़ी केवल बांटी नहीं जानी चाहिए, बल्कि श्रद्धा और आस्था के साथ इसे खिलाना चाहिए। वे हर श्रद्धालु को बैठाकर रबड़ी खिलाते हैं और यही उनका सिद्धांत है। वे मानते हैं कि इस प्रक्रिया से श्रद्धालुओं को मानसिक और शारीरिक रूप से शांति मिलती है और उनकी भक्ति का भी संकल्प मजबूत होता है। उनका यह तरीका श्रद्धालुओं के बीच बहुत ही लोकप्रिय हो गया है, और लोग उनकी सेवा का आनंद लेने के लिए उनकी ओर खींचे चले आते हैं। 

रबड़ी वाले बाबा का गुजरात से आना 
श्री महंत देवगिरी जी महाराज गुजरात के निवासी हैं, और वे Maha Kumbh में अपनी सेवा देने के लिए यहां आए हैं। उनके स्टॉल पर एक बोर्ड लगा हुआ है, जिस पर लिखा है, "राबड़ी ने मचा दी धूम, श्री महंत रबड़ी वाले।" यह संदेश लोगों को आकर्षित करता है और वे जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि आखिरकार यह रबड़ी इतनी खास क्यों है। उनके प्रसाद वितरण का तरीका, जहां श्रद्धालुओं को बैठाकर रबड़ी खिलाई जाती है, और उनका विश्वास इस सेवा में बहुत ही गहरे होते हुए भी बहुत सरलता और श्रद्धा के साथ उन्हें बांटा जाता है, यह एक अलग ही आकर्षण पैदा करता है।

Maha Kumbh के इस अनुभव में रबड़ी का महत्व
Maha Kumbh में जहां लाखों श्रद्धालु आते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, वहीं रबड़ी वाले बाबा की सेवा एक अलग ही अनुभव प्रदान करती है। उनके द्वारा बांटी गई रबड़ी केवल एक पारंपरिक मीठा व्यंजन नहीं बल्कि एक धार्मिक और आत्मिक सेवा बन चुकी है। श्रद्धालु इस प्रसाद को न केवल भक्ति से प्राप्त करते हैं, बल्कि यह उनके लिए एक आशीर्वाद जैसा होता है। रबड़ी का प्रसाद खाते समय लोग बाबा के साथ अपना आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और साथ ही उनकी भक्ति में भी वृद्धि होती है।

यह सेवा देवी भगवती महाकाली की कृपा से संभव
देवगिरी जी महाराज का मानना है कि रबड़ी एक तरह से भक्तों को मानसिक शांति और शक्ति देने का माध्यम है। वे इसे किसी प्रकार के साधारण भोजन की तरह नहीं मानते, बल्कि इसे एक दिव्य प्रसाद मानते हैं। रबड़ी बांटने का उनका तरीका बहुत ही संतुलित और सुव्यवस्थित है, जहां हर व्यक्ति को उचित समय और स्थान पर यह प्रसाद मिलती है। वे इसे न केवल अपनी सेवा बल्कि एक धार्मिक कर्तव्य के रूप में निभाते हैं। उनका मानना है कि यह सेवा देवी भगवती महाकाली की कृपा से संभव हो रही है, और वे उन्हें इस कार्य के लिए प्रेरित करती हैं।

Maha Kumbh में रबड़ी वाले बाबा की सेवा का प्रभाव
रबड़ी वाले बाबा की सेवा ने Maha Kumbh में आने वाले श्रद्धालुओं के बीच एक नई पहचान बनाई है। उनके प्रसाद की भव्यता और उनकी भक्ति ने लोगों को आकर्षित किया है। रबड़ी बनाने और उसे श्रद्धालुओं को देने का उनका तरीका उन्हें Maha Kumbh के महत्वपूर्ण आकर्षणों में से एक बना चुका है। Maha Kumbh जैसे बड़े आयोजन में बाबा की उपस्थिति ने यह साबित किया है कि धार्मिक आस्था और सेवा का कोई आकार नहीं होता; ये किसी भी रूप में हो सकती है और उसी रूप में श्रद्धा का प्रसार करती है।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!