Edited By rajesh kumar,Updated: 25 Aug, 2024 03:40 PM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में महिलाओं के लिए जो काम किया है, उतना आजादी के बाद से किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने नहीं किया।
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में महिलाओं के लिए जो काम किया है, उतना आजादी के बाद से किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने नहीं किया। मोदी ने उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव में ‘लखपति दीदी' रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करने के वास्ते कानूनों को मजबूत कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014 तक महिला स्वयं सहायता समूहों को 25,000 करोड़ रुपये से कम के ऋण दिए गए थे, लेकिन पिछले 10 वर्षों में नौ लाख करोड़ रुपये (के ऋण) दिए गए हैं।'' मोदी ने कहा कि राज्य की स्थिरता एवं समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के वर्षों तक बरकरार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र विकसित भारत का चमकता सितारा है। राज्य का भविष्य अधिक निवेश और रोजगार वृद्धि पर निर्भर करता है।''
जलगांव में ‘लखपति दीदी' से बातचीत करते हुए मोदी ने 2,500 करोड़ रुपये की निधि जारी की, जिससे 4.3 लाख स्वयं सहायता समूहों के 48 लाख सदस्यों को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘लखपति दीदी योजना' का उद्देश्य न केवल महिलाओं की आय बढ़ाना है, बल्कि भावी पीढ़ियों को सशक्त बनाना भी है।
पीएम मोदी ने ‘लखपति दीदियों' से बातचीत की
इसके अलावा पीएम मोदी ने रविवार को महाराष्ट्र के जलगांव में ‘लखपति दीदियों' से बातचीत की। ‘लखपति दीदी' स्वयं सहायता समूहों की उन महिलाओं को कहा जाता है जो सालाना एक लाख रुपये कमा रही हैं। प्रधानमंत्री 11 लाख नई लखपति दीदियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। जलगांव में महिलाओं के एक समूह ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया, जिसके बाद उन्होंने कुछ स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की सदस्यों से बातचीत की।
अधिकारियों ने बताया कि स्वयं सहायता समूह पशुधन क्षेत्र में सक्रिय हैं, जबकि अन्य 'कृषि सखी' और 'नमो ड्रोन दीदी' जैसी सरकारी योजनाओं में काम कर रही हैं। योजनाओं को क्रियान्वित करने वाले अधिकारियों ने कहा कि स्वयं सहायता समूह कौशल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकताओं को पूरा करने और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन में मदद मिलती है।