389 लोगों की मदद से तैयार हुआ विश्व का सबसे लंबा संविधान, जानिए इसकी खासियत

Edited By vasudha,Updated: 26 Nov, 2019 12:59 PM

the world longest constitution was prepared with the help of 389 people

आज के दिन यानी 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान ‘भारतीय संविधान’ 26 नंवबर 1949 को पारित हुआ और 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ...

नेशनल डेस्क: आज के दिन यानी 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान ‘भारतीय संविधान’ 26 नंवबर 1949 को पारित हुआ और 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ। भारतीय संविधान के जनक  डॉ. भीमराव अम्बेडकर के प्रयासों के कारण ही यह ऐसे रूप में सामने आया, जिसे न केवल भारत में सबने सराहा बल्कि विश्व में कई अन्य देशों ने भी इसे अपनाया। भारत के संविधान के प्रति हमारी आस्था, उसके बारे में जानना और उसका पूर्ण रूप से अनुपालन करना हम भारतीयों का प्रथम कर्तव्य है।

PunjabKesari

22 भागों में विभजित है भारत का संविधान 

  • भारतीय संविधान दुनिया का न सिर्फ सबसे लंबा हस्तलिखित दस्तावेज है, बल्कि इसके निर्माताओं ने कई देशों की उन अच्छाइयों को भी इसके भीतर समेटा, जिससे भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में मजबूत बन सके। 
  • यह 22 भागों में विभजित है, इसमे 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियां हैं। 
  • भारतीय संविधान की दो प्रतियां हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी गईं।
  • इस संविधान को तैयार करने में 2 साल, 11 माह और 18 दिन का समय लगा। 
  • इसमें कुल शब्दों की संख्या करीब 1,45,000 थी।
  • संविधान लागू होने के करीब 70 साल बाद इसमें 108 संशोधन हो चुके हैं।
  • संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गई थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे। 

PunjabKesari

मूल अधिकार और मूल कर्तव्य

  • संविधान में देश के नागरिकों के लिए मूल अधिकारों की विस्तृत व्याख्या (अनुच्छेद 12-35) की गई है, जिन्हें किसी भी कानून द्वारा छीना या कमजोर नहीं किया जा सकता।
  • इसी तरह, अनुच्छेद 51ए में नागरिकों के 11 कर्तव्यों का प्रावधान है।
  • शुरुआत में धर्मनिरपेक्षता शब्द संविधान का हिस्सा नहीं था। 42वें संशोधन द्वारा इसे संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया।

PunjabKesari

भारतीय संविधान के विदेशी स्त्रोत

  • भारत के संविधान को उधार का थैला भी कहा जाता है। इसमें कई अहम चीजों को अन्य संविधानों से लिया गया है।
  • आजादी, समानता और बंधुत्व के सिद्धांतों को फ्रांस के संविधान से लिया गया है। 
  • 5 वर्षीय योजना का आइडिया यूएसएसआर से लिया गया था। सामाजिक-आर्थिक अधिकार का सिद्धांत आयरलैंड से लिया गया।
  • सबसे अहम, जिस कानून पर सुप्रीम कोर्ट काम करता है, वह जापान से लिया गया। ऐसी कई और चीजें हैं जो अन्य देशों के संविधान से ली गई हैं।
  • संघात्‍मक विशेषताएं, अवशिष्‍ट शक्तियां केंद्र के पास, केंद्र द्वारा राज्य के राज्यपालों की नियुक्ति और उच्चतम न्यायालय का परामर्श न्याय निर्णयन कनाडा से लिया गया है। 
  • संविधान संशोधन की प्रक्रिया प्रावधान, राज्यसभा में सदस्यों का निर्वाचन दक्षिण अफ्रीका के संविधान से लिया गया है।

Related Story

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!