Edited By Mahima,Updated: 14 Jan, 2025 12:46 PM
1788 में हुआ "बैटल ऑफ कैरनसीब्स" एक अजीब युद्ध था, जो शराब के कारण हुआ। ऑस्ट्रियाई सैनिकों ने गलती से अपने ही साथियों पर हमला कर दिया। शराब पीने को लेकर घुड़सवार और पैदल सैनिकों के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद गोलीबारी शुरू हो गई। अंधेरे और गलतफहमी के...
नेशनल डेस्क: दुनिया में कई युद्धों के पीछे सीमा, पानी, व्यापार और जमीन जैसे मुद्दे होते हैं, लेकिन 237 साल पहले हुआ एक युद्ध पूरी तरह से एक अजीब कारण से लड़ा गया था। यह युद्ध शराब की वजह से हुआ था और इसमें 10,000 से ज्यादा सैनिकों की जान चली गई थी।
यह था 'बैटल ऑफ कैरनसीब्स'
यह युद्ध 1788 में हुआ और इसे "बैटल ऑफ कैरनसीब्स" कहा जाता है। उस समय ऑस्ट्रिया और तुर्की के बीच युद्ध चल रहा था। ऑस्ट्रियाई सैनिक कैरनसीब्स शहर पर कब्जा करने के लिए पहुंचे थे और 21 सितंबर की रात को उन्होंने शहर को चारों ओर से घेर लिया।
शराब ने घेर लिया पूरा मैदान
ऑस्ट्रियाई सैनिकों को वहां तुर्की सेना नहीं मिली, लेकिन उन्हें नदी के पार एक शिविर दिखाई दिया, जहां रोमानी लोग बैठकर आराम कर रहे थे। इन रोमानी लोगों ने ऑस्ट्रियाई सैनिकों को शराब पेश की। थके-हारे ऑस्ट्रियाई सैनिकों ने शराब पीनी शुरू कर दी। तभी कुछ पैदल सैनिक वहां पहुंचे और शराब पीने लगे, लेकिन घुड़सवार सैनिकों ने उन्हें शराब नहीं दी, जिससे एक विवाद खड़ा हो गया। गुस्से में आकर एक सैनिक ने गोली चला दी।
गलतफहमी के कारण शुरू हुआ नरसंहार
गोली की आवाज सुनकर नदी के उस पार ऑस्ट्रियाई सैनिकों ने समझा कि तुर्की सैनिकों ने हमला कर दिया है। बिना किसी जानकारी के उन्होंने गोलियां चला दीं। दूसरी ओर, नदी पार से भी यही समझा गया कि तुर्की हमला कर रहे हैं, तो दोनों तरफ के सैनिक एक-दूसरे पर गोलियां बरसाने लगे। अंधेरे में सैनिकों को पहचानने में गलती हुई और नतीजा यह हुआ कि वे अपने ही सैनिकों को मारने लगे।
'हॉल्ट' का आदेश भी न आया काम
ऑस्ट्रियाई सैनिकों को लीड कर रहे जर्मन अधिकारी ने यह देखकर सैनिकों को रोकने के लिए 'हॉल्ट' (रुक जाओ) का आदेश दिया, लेकिन अंधेरे और गड़बड़ी के कारण सैनिकों ने इसे नहीं समझा और वे एक-दूसरे को मारते रहे। इस तरह, एक छोटी सी गलती ने 10,000 से ज्यादा सैनिकों की जान ले ली। यह घटना दुनिया का सबसे अजीब और हास्यास्पद युद्ध मानी जाती है, क्योंकि इसमें कोई असल दुश्मन नहीं था, बल्कि एक नासमझी और गलतफहमी ने हजारों सैनिकों की जान ले ली।