Edited By Mahima,Updated: 06 Jan, 2025 10:42 AM
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से शामली तक 700 किमी लंबा हाईवे बनने से प्रदेश के 15 जिलों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा। NHAI ने सीमांकन प्रक्रिया शुरू कर दी है और भूमि अधिग्रहण जल्द होगा। हाईवे निर्माण में तीन साल का समय लगेगा, जो नेपाल सीमा की सुरक्षा...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश में सड़क परिवहन और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है, जिसके तहत गोरखपुर से लेकर शामली तक 700 किलोमीटर लंबा एक नया हाईवे बनाया जाएगा। इस हाईवे के निर्माण से न केवल प्रदेश के 15 जिलों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि व्यापार, यातायात और सुरक्षा के लिहाज से भी यह एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। इसके निर्माण से गोरखपुर और शामली जैसे प्रमुख शहरों के बीच तेज़ और सुगम यात्रा सुनिश्चित होगी।
15 जिलों को जोड़ेगा यह हाईवे
गोरखपुर से शामली तक फैला यह नया हाईवे उत्तर प्रदेश के 15 जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें गोरखपुर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत, बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर, मेरठ और शामली शामिल हैं। इन जिलों में कई ऐसे हैं जो विकास के मामले में पिछड़े हुए माने जाते हैं, लेकिन इस हाईवे के बनने से यहां की कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे न केवल लोगों को यात्रा में सहूलत मिलेगी, बल्कि इन क्षेत्रों के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
नेपाल सीमा पर निगरानी को मिलेगा सहयोग
इस हाईवे का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसका निर्माण नेपाल सीमा के पास होने के कारण सीमा पर निगरानी के कार्य को भी सुदृढ़ करेगा। भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों को तेज़ और प्रभावी परिवहन नेटवर्क की आवश्यकता होती है, जिससे सीमा पर होने वाली गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इस हाईवे के निर्माण से यह कार्य आसान हो जाएगा और सुरक्षा एजेंसियों को जल्द और प्रभावी प्रतिक्रिया देने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, सीमा पार व्यापार और सामरिक दृष्टिकोण से भी यह हाईवे महत्वपूर्ण होगा।
NHAI ने शुरू की सीमांकन प्रक्रिया
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया है और अगले कुछ महीनों में सीमांकन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सीमांकन के बाद भूमि अधिग्रहण का कार्य आरंभ होगा। हालांकि, भूमि अधिग्रहण में कुछ समय लग सकता है, लेकिन NHAI ने इस प्रक्रिया को जल्दी और प्रभावी रूप से पूरा करने की योजना बनाई है। NHAI के अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना की मंजूरी और जमीन अधिग्रहण के बाद जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
तीन साल में पूरा होगा निर्माण
इस हाईवे के निर्माण में कम से कम तीन साल का समय लग सकता है, और तीन वर्षों के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस हाईवे के निर्माण से उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सड़क यातायात की स्थिति में सुधार होगा और प्रदेश की कनेक्टिविटी में एक बड़ा बदलाव आएगा। प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार दोनों ने इस परियोजना को एक प्राथमिकता के रूप में देखा है और इसके लिए सभी आवश्यक सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान
गोरखपुर-शामली हाईवे का निर्माण उत्तर प्रदेश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। इस हाईवे से न केवल प्रमुख शहरों को जोड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी सड़क कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इससे स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और इन क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। जो इलाके अब तक कनेक्टिविटी की कमी के कारण पिछड़े हुए थे, वे अब इस हाईवे के बनने से आर्थिक दृष्टिकोण से प्रगति कर सकेंगे।
राज्य सरकार और NHAI के बीच बैठक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के बीच इस हाईवे के निर्माण को लेकर कई बार बैठकें हो चुकी हैं। दोनों नेताओं ने इस प्रोजेक्ट की अहमियत को समझते हुए इसके लिए सभी आवश्यक संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। इस बैठक में यह भी तय किया गया था कि इस हाईवे के निर्माण के दौरान स्थानीय समुदायों को भी पूरी जानकारी दी जाएगी, ताकि भूमि अधिग्रहण और अन्य समस्याओं का समाधान आसानी से किया जा सके।
हाईवे के लाभ
1. सड़क यातायात में सुधार:यह हाईवे प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा को तेज और सुगम बनाएगा। इस हाईवे के बनने से गोरखपुर से शामली की दूरी में काफी कमी आएगी और यातायात की गति बढ़ेगी।
2. आर्थिक विकास में योगदान: छोटे-छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ने से व्यापार के अवसर बढ़ेंगे और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। इससे इन क्षेत्रों का समग्र विकास होगा।
3. सीमा सुरक्षा में सुधार: नेपाल सीमा के नजदीक स्थित यह हाईवे सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद लाभकारी होगा। सीमा पर सुरक्षा की स्थिति बेहतर होगी, और सीमा पार से होने वाली गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी।
4. सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण: यह हाईवे सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसके बनने से भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बलों को त्वरित परिवहन सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जो किसी भी आपात स्थिति में बहुत काम आएंगी।
गोरखपुर से शामली तक बनने वाला यह 700 किमी लंबा हाईवे उत्तर प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इससे प्रदेश के 15 जिलों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा और लोग जल्दी और सुरक्षित रूप से यात्रा कर सकेंगे। नेपाल सीमा की निगरानी में भी यह मददगार होगा। इस हाईवे के बनने से यूपी के विकास में नया आयाम जुड़ेगा और समग्र रूप से प्रदेश की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।