Edited By Rohini Oberoi,Updated: 18 Mar, 2025 09:39 AM

अगर देश में लोग शराब की बड़ी बोतल की जगह छोटी बोतल या 'पऊआ' खरीदने लगें तो इसे अर्थव्यवस्था में एक बड़ा बदलाव माना जा सकता है। शराब पर खर्च को आमतौर पर 'अनिवार्य खर्च' की बजाय 'शौक पर खर्च' के रूप में देखा जाता है। जब लोग शराब पर खर्च कम करने लगते...
नेशनल डेस्क। अगर देश में लोग शराब की बड़ी बोतल की जगह छोटी बोतल या 'पऊआ' खरीदने लगें तो इसे अर्थव्यवस्था में एक बड़ा बदलाव माना जा सकता है। शराब पर खर्च को आमतौर पर 'अनिवार्य खर्च' की बजाय 'शौक पर खर्च' के रूप में देखा जाता है। जब लोग शराब पर खर्च कम करने लगते हैं तो इसे मंदी के संकेत के रूप में देखा जाता है क्योंकि यह दर्शाता है कि लोग गैर-जरूरी खर्चों में कटौती कर रहे हैं।
क्या मंदी आ रही है?
दुनिया भर में आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ रही है खासकर अमेरिका में। हाल के इकोनॉमिक इंडिकेटर्स और रिपोर्ट्स से यह स्पष्ट हो रहा है कि अमेरिका में मंदी की संभावना मजबूत हो रही है। अगर अमेरिका में मंदी आती है तो इसका असर पूरी ग्लोबल इकोनॉमी पर पड़ेगा जैसा कि 2008 में देखा गया था। उस समय भी अमेरिका में मंदी का असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ा था और लाखों लोगों की नौकरियां चली गई थीं।
अमेरिका में मंदी के संकेत
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्रेड पॉलिसीज निवेशकों के विश्वास को प्रभावित कर सकती हैं जिससे मंदी का खतरा बढ़ सकता है। यही कारण है कि अमेरिका में मंदी की आशंका गहरी हो गई है। गोल्डमैन शैक्स ने इस साल मंदी की संभावना को 20% तक बढ़ा दिया है। इसके अनुसार अगर इकोनॉमिक एक्टिविटीज लगातार गिरती हैं तो इसका असर जीडीपी पर भी देखा जाएगा।
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शराब और मंदी का संबंध
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इकोनॉमी की सेहत को केवल पारंपरिक इंडिकेटर्स से ही नहीं बल्कि गैर-पारंपरिक संकेतों से भी समझा जा सकता है। जैसे अमेरिका में यह देखा गया है कि अगर पुरुषों के अंडरवियर खरीदने में गिरावट आती है तो इसे मंदी का संकेत माना जाता है। इसके पीछे यह विचार है कि पुरुष अपने परिवार की जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए केवल आवश्यक चीजों की ही खरीदारी करते हैं।
इसी तरह शराब की बिक्री से भी मंदी के संकेत मिल सकते हैं। अगर लोग शराब की छोटी बोतलें (जिन्हें 'मिनिएचर' या 'निप्स' कहा जाता है) खरीदने में ज्यादा रुचि दिखाते हैं तो यह इकोनॉमी में मंदी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा अगर व्हिस्की और टकीला जैसे सस्ते ब्रांड या छोटी बोतलों की बिक्री बढ़ जाती है तो इसे भी मंदी का संकेत माना जा सकता है।
सिगरेट की बिक्री और मंदी
सिगरेट की बिक्री में गिरावट भी मंदी के संकेत के तौर पर देखी जाती है। जब लोग अपने खर्चों में कटौती करते हैं तो सिगरेट जैसे गैर-जरूरी उत्पादों की बिक्री में गिरावट आती है।
कहा जा सकता है कि इस प्रकार शराब की छोटी बोतलों और सस्ते ब्रांड्स की बढ़ती बिक्री, सिगरेट की गिरती बिक्री जैसी चीजें अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत हो सकती हैं। अगर लोग अपने 'शौक पर खर्च' में कटौती करने लगते हैं तो यह इकोनॉमी के तंग हालात को दर्शाता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम इन संकेतों को समझें और भविष्य में आने वाली आर्थिक चुनौतियों के लिए तैयार रहें।