Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 26 Mar, 2025 02:11 PM

साइलेंट हार्ट अटैक उतना ही खतरनाक होता है जितना सामान्य लक्षणों वाला हार्ट अटैक। फर्क बस इतना है कि इसमें लक्षण बेहद हल्के या सामान्य होते हैं, जिससे लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। अगर समय रहते इन संकेतों को समझा न जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।
नेशनल डेस्क: साइलेंट हार्ट अटैक उतना ही खतरनाक होता है जितना सामान्य लक्षणों वाला हार्ट अटैक। फर्क बस इतना है कि इसमें लक्षण बेहद हल्के या सामान्य होते हैं, जिससे लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। अगर समय रहते इन संकेतों को समझा न जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।
साइलेंट हार्ट अटैक क्या है?
साइलेंट हार्ट अटैक तब होता है जब दिल की धमनियों में खून का प्रवाह बाधित हो जाता है, लेकिन इसके लक्षण स्पष्ट रूप से सामने नहीं आते। कई बार यह व्यक्ति को बिना किसी चेतावनी के हो जाता है और वह इसे साधारण कमजोरी या बदहजमी समझकर अनदेखा कर देता है।
साइलेंट हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण
साइलेंट हार्ट अटैक के दौरान शरीर कुछ हल्के संकेत जरूर देता है। इन्हें पहचानकर समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
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छाती के ऊपरी हिस्से में हल्का दर्द या दबाव महसूस होना।
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पीठ के ऊपरी हिस्से में असहज दर्द।
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जबड़े, हाथ या कंधों में हल्का दर्द।
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शरीर में अचानक अत्यधिक थकान महसूस होना।
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गैस या अपच जैसा महसूस होना।
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सांस लेने में हल्की परेशानी।
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ठंडा पसीना आना।
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सिर चकराना या उल्टी जैसा महसूस होना।
साइलेंट हार्ट अटैक के प्रमुख कारण
साइलेंट हार्ट अटैक के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य रूप से हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर की अनियमितता शामिल है।
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हाई कोलेस्ट्रॉल: खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से धमनियों में प्लाक जम जाता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है।
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मोटापा: ज्यादा वजन होने से दिल पर दबाव बढ़ता है और रक्त संचार प्रभावित होता है।
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एक्सरसाइज की कमी: शारीरिक गतिविधि की कमी से दिल की कार्यक्षमता कमजोर हो जाती है।
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हाई ब्लड प्रेशर: यह दिल की धमनियों को नुकसान पहुंचाता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है।
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डायबिटीज: ब्लड शुगर का असंतुलन भी दिल की सेहत को प्रभावित करता है।
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धूम्रपान और तंबाकू: ये हृदय की धमनियों को संकीर्ण कर देते हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है।
किन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा?
साइलेंट हार्ट अटैक किसी को भी हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों में इसका खतरा अधिक रहता है।
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महिलाओं में अधिक खतरा: महिलाओं में हार्मोनल बदलाव और स्ट्रेस के कारण इसका जोखिम ज्यादा होता है।
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बुजुर्गों को अधिक खतरा: उम्र बढ़ने के साथ धमनियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे साइलेंट हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।
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डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग: ये स्थितियां दिल की धमनियों को कमजोर कर सकती हैं।
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अत्यधिक स्ट्रेस लेने वाले लोग: मानसिक तनाव भी दिल पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
कैसे करें बचाव?
साइलेंट हार्ट अटैक से बचने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव करना जरूरी है।
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स्वस्थ आहार अपनाएं: फाइबर युक्त भोजन, हरी सब्जियां और फल खाएं।
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नियमित व्यायाम करें: रोजाना 30-40 मिनट की हल्की एक्सरसाइज दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होती है।
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ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल में रखें: समय-समय पर मेडिकल चेकअप करवाते रहें।
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धूम्रपान और शराब से बचें: यह हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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तनाव कम करें: योग और ध्यान से मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है।