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8th Pay Commission: इन सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिलेगा 8वें वेतन आयोग का फायदा, जानें पूरा मामला

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 05 Apr, 2025 01:10 PM

these government employees will not get the benefit of 8th pay commission

हाल ही में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच एक बड़ा सवाल गूंज रहा है – क्या 1 जनवरी 2026 से पहले रिटायर होने वाले कर्मचारियों को आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का लाभ नहीं मिलेगा?

नेशनल डेस्क: हाल ही में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच एक बड़ा सवाल गूंज रहा है – क्या 1 जनवरी 2026 से पहले रिटायर होने वाले कर्मचारियों को आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का लाभ नहीं मिलेगा? इस मुद्दे पर सोशल मीडिया से लेकर संसद तक बहस तेज हो गई है। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि यह विवाद क्यों खड़ा हुआ, सरकार की क्या सफाई है और पेंशनभोगियों पर इसका क्या असर पड़ेगा।

क्या है 8वां वेतन आयोग और इसका मकसद?

भारत सरकार हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग गठित करती है ताकि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी, भत्ते और पेंशन समय के अनुसार संशोधित की जा सके। 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था और अब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। इस आयोग का उद्देश्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाना है ताकि वे महंगाई के साथ तालमेल बैठा सकें।

विवाद की जड़ क्या है?

विवाद की शुरुआत हुई Finance Bill 2025 में Central Civil Services (CCS) पेंशन नियमों में कुछ तकनीकी बदलावों से। कुछ ट्रेड यूनियनों और विपक्षी नेताओं का आरोप है कि सरकार इन बदलावों के ज़रिए 1 जनवरी 2026 से पहले रिटायर होने वाले कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग के लाभ से वंचित कर सकती है। AITUC की महासचिव अमित्रजीत कौर ने इसे “लाखों पेंशनभोगियों के साथ विश्वासघात” बताया, जबकि कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने इसे सरकार का “छिपा हुआ एजेंडा” कहा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस वेतन आयोग के कारण सरकार पर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का अतिरिक्त भार पड़ सकता है।

सरकार ने क्या सफाई दी?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 27 मार्च 2025 को संसद में साफ शब्दों में कहा कि पेंशन नियमों में किया गया बदलाव केवल मौजूदा नीतियों का सत्यापन है, न कि किसी भी पेंशनभोगी के फायदे में कटौती का प्रयास।

उन्होंने स्पष्ट किया कि:

  • 2016 से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों को भी 7वें वेतन आयोग के तहत बराबर पेंशन मिली थी।

  • यही सिद्धांत आगे भी लागू रहेगा।

  • पेंशन कैलकुलेशन को सरल बनाने के लिए तकनीकी सुधार किए गए हैं, न कि किसी को बाहर करने के लिए।

क्या 2026 से पहले रिटायर कर्मचारी होंगे प्रभावित?

नहीं, वर्तमान में ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है जिससे यह कहा जा सके कि 2026 से पहले रिटायर कर्मचारी 8वें वेतन आयोग से बाहर कर दिए जाएंगे। यह केवल एक तकनीकी सुधार था जिसे कुछ लोगों ने गलत तरीके से समझा और विवाद खड़ा हो गया।

आठवें वेतन आयोग की प्रक्रिया कहां तक पहुंची?

सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी थी। संसद में वित्त मंत्री ने बताया कि आयोग की प्रक्रिया जारी है और इसका असर 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में दिखेगा। आयोग की सिफारिशें लागू होते समय पिछली बार की तरह एक साल का एरियर भी मिल सकता है ताकि वित्तीय भार संतुलित रह सके।

अब तक कितने कर्मचारी होंगे प्रभावित?

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1 मार्च 2025 तक:

  • 36.57 लाख सरकारी कर्मचारी

  • 33.91 लाख पेंशनभोगी
    8वें वेतन आयोग की सिफारिशों से लाभान्वित होंगे।

पेंशन विवाद पर अंतिम निष्कर्ष

इस पूरे मामले में सबसे जरूरी बात यह है कि सरकार ने खुद स्पष्ट किया है कि पेंशन के नियमों में कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा। यह केवल नियमों की तकनीकी व्याख्या और सुधार है। ऐसे में जो लोग 2026 से पहले रिटायर हो रहे हैं उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। वे भी आयोग की सिफारिशों का लाभ उठाएंगे जैसे कि पहले होता आया है।

 

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