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स्किन में कैंसर होने पर नजर आते हैं ये लक्षण, जानें क्या है बचाव

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 07 Feb, 2025 07:02 PM

these symptoms are seen when there is cancer in the skin

त्वचा का कैंसर एक ऐसा रोग है, जो तब होता है जब त्वचा की कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि होती है। यह आमतौर पर धूप के संपर्क में आने से उत्पन्न होता है, लेकिन कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं। अगर आप अपनी त्वचा पर कुछ अजीब बदलाव देख रहे हैं, तो यह जरूरी है...

नेशनल डेस्क: त्वचा का कैंसर एक ऐसा रोग है, जो तब होता है जब त्वचा की कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि होती है। यह आमतौर पर धूप के संपर्क में आने से उत्पन्न होता है, लेकिन कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं। अगर आप अपनी त्वचा पर कुछ अजीब बदलाव देख रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप इसे नजरअंदाज न करें। समय रहते अगर पहचान लिया जाए, तो इस कैंसर का इलाज संभव है। आइए जानते हैं त्वचा के कैंसर के लक्षण, कारण और इसके इलाज के बारे में।

त्वचा के कैंसर के लक्षण

त्वचा का कैंसर विभिन्न रूपों में हो सकता है, और इसके लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं। अगर आपकी त्वचा पर निम्नलिखित लक्षण दिखें तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए:

  1. नई त्वचा की वृद्धि या गांठ का बनना:

    • अगर आपकी त्वचा पर अचानक से कोई नया घाव या गांठ उभर आए जो पहले कभी नहीं था, तो यह एक संकेत हो सकता है कि त्वचा का कैंसर शुरू हो चुका है।
  2. पुरानी घावों या मस्सों में बदलाव:

    • अगर आपकी त्वचा पर पहले से मौजूद मस्से या घाव में आकार का बदलाव हो, रंग बदल जाए या यह बढ़ने लगे, तो यह कैंसर के संकेत हो सकते हैं।
  3. रंग का बदलाव:

    • त्वचा पर मौजूद किसी भी घाव या मस्से का रंग बदलना, जैसे कि काले, नीले या लाल रंग का हो जाना, कैंसर का संकेत हो सकता है।
  4. दर्द या खुजली:

    • त्वचा पर किसी गांठ या घाव में लगातार दर्द या खुजली होना भी त्वचा के कैंसर का संकेत हो सकता है।
  5. सड़कन या खून आना:

    • अगर किसी त्वचा के घाव या मस्से से खून या मवाद निकलने लगे, तो यह त्वचा के कैंसर के गंभीर लक्षण हो सकते हैं।
  6. आकार में बदलाव:

    • कोई मस्सा या घाव जो समय के साथ आकार में बदल रहा हो, विशेष रूप से आकार में असममित दिखने लगे, तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है।

त्वचा के कैंसर के प्रकार

त्वचा के कैंसर के तीन मुख्य प्रकार होते हैं:

  1. बेसल सेल कार्सिनोमा (Basal Cell Carcinoma):
    • यह त्वचा के सबसे आम प्रकार का कैंसर है और यह ज्यादातर धूप के संपर्क में आने वाले भागों पर होता है, जैसे चेहरे, गर्दन और हाथ।
  2. स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous Cell Carcinoma):
    • यह भी अधिकतर धूप में रहने से होता है, लेकिन यह बेसल सेल से अधिक खतरनाक हो सकता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
  3. मेलानोमा (Melanoma):
    • यह त्वचा का सबसे खतरनाक प्रकार है और शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इसे जल्द पहचानना जरूरी है क्योंकि यह जल्दी फैल सकता है।

त्वचा के कैंसर के कारण

त्वचा के कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख कारण सूर्य की हानिकारक यूवी (UV) किरणों का संपर्क है। इसके अलावा, निम्नलिखित कारण भी त्वचा के कैंसर का जोखिम बढ़ा सकते हैं:

  • धूप में अधिक समय बिताना: लंबे समय तक सूरज की किरणों के संपर्क में आना, विशेष रूप से 10 बजे से 4 बजे के बीच।
  • स्मोकिंग: तंबाकू का सेवन भी स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा के खतरे को बढ़ा सकता है।
  • जन्मजात मस्से: जन्म से ही मस्सों का होना, जो बड़े और असममित होते हैं, त्वचा के कैंसर का कारण बन सकता है।
  • फैमिली हिस्ट्री: अगर परिवार में किसी को त्वचा का कैंसर हुआ है, तो यह अनुवांशिक कारणों से हो सकता है।

त्वचा के कैंसर का इलाज

त्वचा का कैंसर अगर जल्दी पहचान लिया जाए, तो इसका इलाज संभव है। त्वचा के कैंसर के इलाज के लिए निम्नलिखित विधियों का उपयोग किया जा सकता है:

  1. सर्जरी (Surgery):

    • कैंसर के प्रभावित हिस्से को निकालने के लिए सर्जरी की जाती है। यह उपचार अधिकतर त्वचा के कैंसर के लिए प्रभावी होता है।
  2. लेज़र थेरपी (Laser Therapy):

    • इस उपचार में लेज़र का उपयोग करके कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।
  3. क्रीमी उपचार (Topical Creams):

    • कुछ टॉपिकल क्रीम्स जैसे कि 5-FU (फ्लोरौरासिल) और इमिक्विमोड का इस्तेमाल कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
  4. रेडियेशन थेरेपी (Radiation Therapy):

    • अगर सर्जरी से कैंसर को पूरी तरह से हटाना मुश्किल हो, तो रेडियेशन का उपयोग किया जा सकता है।
  5. इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy):

    • यह एक नया उपचार तरीका है, जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम को कैंसर से लड़ने के लिए सक्रिय किया जाता है।

क्या करें?

  • सुरक्षित धूप: सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचने के लिए हमेशा सनस्क्रीन का उपयोग करें और धूप में अधिक समय बिताने से बचें।
  • समय-समय पर त्वचा की जांच करें: अपनी त्वचा का नियमित रूप से निरीक्षण करें और किसी भी असामान्य बदलाव को नोटिस करें।
  • डॉक्टर से सलाह लें: अगर त्वचा पर कोई असामान्य बदलाव हो, तो तुरंत त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लें।

 

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