न्याय नहीं मिला तो माता-पिता को मांगनी होगी इच्छामृत्यु, ये थीं अतुल सुभाष की अंतिम 11 इच्छाएं

Edited By Rahul Singh,Updated: 12 Dec, 2024 03:48 PM

these were atul subhash last 11 wishes

अतुल ने मांग की कि उनके मामले की सभी सुनवाई लाइव की जाए ताकि लोग जान सकें कि देश में कानूनी व्यवस्था की क्या स्थिति है और महिलाएँ कानून का किस तरह दुरुपयोग कर रही हैं। अतुल ने अपनी सुसाइड नोट और अपलोड किए गए वीडियो को उनके बयान और सबूत के रूप में...

नई दिल्ली। बेंगलुरु के एक इंजीनियर अतुल सुभाष ने 23 पेज का एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी, ससुराल वालों और जौनपुर की फैमिली कोर्ट की एक जज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस नोट में उन्होंने अपनी मौत के बाद अपनी पत्नी और बेटे से जुड़ी कुछ भविष्यवाणियां की हैं, साथ ही अपने केस के ट्रायल और बेटे की कस्टडी से संबंधित 11 अंतिम इच्छाएं भी बताई हैं। 

अतुल की 11 अंतिम इच्छाएं

1. सुनवाई का लाइव प्रसारण:अतुल ने मांग की कि उनके मामले की सभी सुनवाई लाइव की जाए ताकि लोग जान सकें कि देश में कानूनी व्यवस्था की क्या स्थिति है और महिलाएँ कानून का किस तरह दुरुपयोग कर रही हैं।

2. सुसाइड नोट को सबूत माना जाए: अतुल ने अपनी सुसाइड नोट और अपलोड किए गए वीडियो को उनके बयान और सबूत के रूप में अदालत द्वारा स्वीकार किए जाने की मांग की।

3. ट्रायल बेंगलुरु में हो: अतुल ने कहा कि उनका ट्रायल यूपी की बजाय बेंगलुरु में होना चाहिए, क्योंकि बेंगलुरु की अदालतें यूपी की अदालतों से ज्यादा कानून का पालन करती हैं। उन्होंने यूपी की एक जज पर दस्तावेजों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया।

4. कस्टडी माता-पिता को मिले: अतुल ने अपने बेटे की कस्टडी अपने माता-पिता को देने की मांग की, क्योंकि उनका मानना था कि उनके माता-पिता बच्चे को बेहतर तरीके से पाल सकते हैं।

5. शव के पास पत्नी या ससुराल वाले न आएं: अतुल ने कहा कि उनकी पत्नी या उसके परिवार को उनके शव के पास नहीं आने दिया जाए।

6. अस्थि विसर्जन पर शर्त: उन्होंने कहा कि जब तक उन पर उत्पीड़न करने वालों को सजा नहीं मिल जाती, तब तक उनका "अस्थि विसर्जन" (अस्थियों को नदी में बहाना) न किया जाए। अगर अदालत यह फैसला करती है कि आरोपियों को दोषी नहीं ठहराया जाता, तो उनकी राख को किसी गटर में बहा दिया जाए।

7. उत्पीड़न करने वालों को सजा मिले: अतुल ने कहा कि उत्पीड़न करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने कानून व्यवस्था पर भरोसा नहीं जताया और कहा कि अगर उनकी पत्नी जैसे लोग जेल नहीं गए, तो ऐसे लोग समाज में और अधिक उत्पीड़न करेंगे और झूठे मुकदमे लगाएंगे।

8. झूठे मामलों का निपटारा हो: अतुल ने मांग की कि उनके माता-पिता और छोटे भाई के खिलाफ चल रहे झूठे मामलों को जल्द खत्म किया जाए।

9. बातचीत और समझौते से इनकार: उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और ससुराल वालों के साथ किसी प्रकार की बातचीत, समझौता या मध्यस्थता नहीं होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

10. पत्नी को सजा मिलने तक कोई समझौता नहीं: अतुल ने अपनी पत्नी को "नाइफ" (चाकू) जैसा बताया और कहा कि जब तक वह यह स्पष्ट रूप से स्वीकार नहीं करती कि उसने झूठे मामले दायर किए थे, तब तक उसे कोई राहत नहीं मिलनी चाहिए।

11. इच्छामृत्यु की मांग: अंत में, अतुल ने कहा कि अगर उत्पीड़न और जबरन वसूली का सिलसिला जारी रहता है, तो उनके बुजुर्ग माता-पिता को औपचारिक रूप से अदालत से इच्छामृत्यु की मांग करनी चाहिए। 

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