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अकबर का किला जानते थे, लेकिन सरस्वती कूप से थे अनजान: CM योगी ने सपा को किया कठघरे में खड़ा

Edited By Mahima,Updated: 19 Feb, 2025 03:07 PM

they knew about akbar s fort but were unaware of saraswati koop cm yogi

सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में सपा पर जोरदार हमला किया और फ्लोर लैंग्वेज विवाद पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने हिंदी को सदन की मुख्य भाषा बताया और सपा नेताओं पर आरोप लगाया कि वे उर्दू को केवल राजनीति का हिस्सा बना रहे हैं।...

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए फ्लोर लैंग्वेज विवाद पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हिंदी इस सदन की मुख्य भाषा है, जिसे कोई भी बदलने या हटाने की कोशिश नहीं कर रहा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न तो किसी विशेष भाषा को थोपने का प्रयास हो रहा है, और न ही हिंदी को किसी के ऊपर लादा जा रहा है।सीएम योगी ने सपा नेताओं को यह भी याद दिलाया कि स्थानीय भाषाओं को सदन की भाषा में शामिल किया गया है ताकि ग्रामीण इलाकों से आने वाले विधायक, जो हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं में अधिक पारंगत हो सकते हैं, उन्हें समझने और बोलने में कोई कठिनाई न हो। उनका यह बयान, विधानसभा में हो रहे उर्दू और हिंदी के विवाद को लेकर था, क्योंकि सपा के नेता उर्दू की बात कर रहे थे।

सपा के नेता और विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे ने पहले कहा था कि उर्दू भी एक भाषा है, और इसे विधानसभा में मान्यता मिलनी चाहिए। उनका आरोप था कि सीएम योगी उर्दू से चिढ़ते हैं और इसे केवल हिंदू-मुस्लिम की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए मुद्दा बना रहे हैं। पांडे ने यह भी कहा कि सरकार ने उर्दू को लेकर कोई विचार नहीं किया और केवल अंग्रेजी का मुद्दा उठाया, लेकिन सीएम योगी ने उर्दू की चर्चा की और इसे एक एजेंडा के रूप में पेश किया। सीएम योगी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिंदी को सम्मान मिलना चाहिए और इसकी कोई भी छवि खराब नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इस विषय को सपा के पाखंड से जोड़ा, क्योंकि सपा ने हमेशा हर अच्छे कार्य का विरोध किया है और अपनी राजनीति को धर्म के आधार पर बढ़ावा दिया है। 

महाकुंभ पर बात करते हुए, सीएम योगी ने कहा कि यह आयोजन किसी सरकार का नहीं, बल्कि पूरे समाज का है। सरकार केवल एक सेवक के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। उन्होंने महाकुंभ के संबंध में उठ रही अफवाहों को नकारते हुए कहा कि यह एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन है जिसमें पूरी दुनिया ने हिस्सा लिया है। सरकार का उद्देश्य इस आयोजन को सही तरीके से सम्पन्न करना था और इसके लिए वह पूरी तरह से जिम्मेदार है। सीएम ने इस आयोजन में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की और कहा कि हम इस दुख में उनके साथ हैं।

विपक्ष पर तंज कसते हुए सीएम योगी ने शायरी पढ़ी, जिसमें उन्होंने सपा की राजनीति पर सवाल उठाया। शायरी थी: "बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू, लगा के आग बहारों की बात करते हैं...जिन्होंने रात को चुन-चुन के बस्तियों को लूटा वही अब बहारों की बात करते हैं।" सीएम योगी का यह शेर विपक्ष की नीतियों और उनके दोगले चरित्र पर कटाक्ष था। उन्होंने सपा पर यह भी आरोप लगाया कि उनके नेता अकबर के किले को जानते थे, लेकिन अक्षयवट और सरस्वती कूप के महत्व से अनजान थे।

यह बयान महाकुंभ और प्रयागराज के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को लेकर था, जहां सपा के नेताओं के ज्ञान पर सीएम योगी ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सपा के नेता इन महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों की कद्र नहीं करते और केवल अपनी राजनीति करते हैं। सीएम योगी ने अंत में यह भी कहा कि अगर महाकुंभ को भव्य बनाना अपराध है, तो उनकी सरकार इस आयोजन को आगे भी जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी महान कार्य को तीन अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है - पहले उपहास, फिर विरोध, और अंत में स्वीकृति। और उनका विश्वास है कि महाकुंभ के आयोजन के बाद यह आयोजन पूरी दुनिया में प्रतिष्ठित होगा और इसकी स्वीकार्यता होगी। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में सपा पर जोरदार हमला किया और फ्लोर लैंग्वेज विवाद पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने हिंदी को सदन की मुख्य भाषा बताया और सपा नेताओं पर आरोप लगाया कि वे उर्दू को केवल राजनीति का हिस्सा बना रहे हैं। महाकुंभ पर सीएम ने कहा कि यह आयोजन समाज का है, सरकार केवल सेवक की भूमिका निभा रही है। उन्होंने सपा की नीतियों पर तंज कसते हुए शायरी भी पढ़ी और महाकुंभ के आयोजन को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता जताई।

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