इस कंपनी ने MPox टेस्ट के लिए बनाई पहली स्वदेशी RT-PCR Kit, मिनटों में आएगा रिजल्ट

Edited By Utsav Singh,Updated: 28 Aug, 2024 02:57 PM

this company has made the first indigenous rt pcr kit for mpox test

Mpox के बढ़ते संक्रमण के बीच, भारत ने एमपॉक्स का पता लगाने के लिए पहली स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट विकसित कर ली है। यह किट एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि इसके माध्यम से एमपॉक्स की जांच के परिणाम महज 40 मिनट के भीतर प्राप्त किए जा सकेंगे।

नेशनल डेस्क : Mpox के बढ़ते संक्रमण के बीच, भारत ने एमपॉक्स का पता लगाने के लिए पहली स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट विकसित कर ली है। यह किट एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि इसके माध्यम से एमपॉक्स की जांच के परिणाम महज 40 मिनट के भीतर प्राप्त किए जा सकेंगे। फिलहाल, एमपॉक्स की जांच में एक से दो घंटे का समय लगता है। नए विकसित की गई किट के उपयोग से इस समय को काफी हद तक कम किया जा सकेगा, जिससे रोग का शीघ्र निदान संभव होगा। यह किट सीमेंस हेल्थिनियर्स कंपनी द्वारा बनाई गई है और इससे एमपॉक्स के संक्रमण की सटीक पहचान में सहायता मिलेगी।

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दुनियाभर में Mpox के मामलों में वृद्धि हो रही
दुनियाभर में एमपॉक्स के मामलों में वृद्धि हो रही है, और इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी चिंता व्यक्त की है। 14 अगस्त 2024 को, WHO ने एमपॉक्स को लेकर एक सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की थी। इससे पहले भी, WHO ने इस वायरस को लेकर कई आपातकालीन बैठकें की थीं। यह दूसरी बार है कि इस बीमारी को स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया है, जो पिछले दो वर्षों में हुआ है। मौजूदा स्थिति की गंभीरता का कारण वायरस के नए स्ट्रेन (Clad-1) का अधिक संक्रामक होना है। इस स्ट्रेन की विशेषता यह है कि इसमें मृत्यु दर अधिक पाई गई है, जिससे यह स्वास्थ्य विशेषज्ञों और संगठनों के लिए एक बड़ा चिंतन बिंदु बन गया है।

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स्वदेशी RT-PCR kit बना ली गई है
एमपॉक्स के बढ़ते संक्रमण के बीच, भारत ने इस वायरस का पता लगाने के लिए पहली स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट विकसित कर ली है। इस किट की विशेषता यह है कि इसके माध्यम से एमपॉक्स की जांच के सटीक परिणाम महज 40 मिनट में प्राप्त किए जा सकेंगे। वर्तमान में, एमपॉक्स की जांच में आमतौर पर एक से दो घंटे का समय लगता है। नई किट के आगमन से इस समय को काफी हद तक कम किया जा सकेगा, जिससे संक्रमण का शीघ्र निदान संभव होगा। यह किट सीमेंस हेल्थिनियर्स कंपनी द्वारा तैयार की गई है और इसका उद्देश्य एमपॉक्स के परीक्षण प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और समय-कुशल बनाना है।

कब से शुरू होगा किट का उपयोगा 
अब आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि इस नई किट का उपयोग कब से शुरू हो सकेगा। फिलहाल, इसके उपलब्ध होने की सटीक तारीख की जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसे जल्द ही लोगों के लिए उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद है।इस किट का नाम "IMDX Monkeypox Detection RT-PCR Assay" है और इसे सीमेंस हेल्थिनियर्स द्वारा विकसित किया गया है। आइएमडीएक्स एमपॉक्स डिटेक्शन आरटी-पीसीआर किट वडोदरा में स्थित मोलेक्युलर डायग्नॉस्टिक्स यूनिट में तैयार की जाएगी। हर साल इस यूनिट में लगभग 10 लाख किट बनाने की क्षमता होगी। यह किट जल्द ही बाजार में उपलब्ध होने की संभावना है, जिससे लोगों को एमपॉक्स की शीघ्र और सटीक जांच की सुविधा मिल सकेगी।

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''मेक इन इंडिया" पहल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि
सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने कहा है कि यह किट "मेक इन इंडिया" पहल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। कंपनी ने आश्वस्त किया है कि यह किट जल्द ही लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगी।इस किट को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से मंजूरी मिल चुकी है, जो इसके सुरक्षित और प्रभावी होने की पुष्टि करता है। सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने इस पहल को अपनी "मेक इन इंडिया" नीति के तहत एक बड़ी सफलता के रूप में देखा है। (WHO) ने एमपॉक्स की स्थिति को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। यह दूसरी बार है जब एमपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में मान्यता दी गई है, पहली बार जुलाई 2022 में ऐसा हुआ था।

 

 

 

 

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