Edited By Parveen Kumar,Updated: 02 Mar, 2025 11:28 PM
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मशहूर कलाकार हिम्मत शाह का रविवार को जयपुर के शैल्बी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 92 साल के थे। उनके करीबी दोस्त रहे हिमांशु जांगिड़ ने यह जानकारी दी।
नेशनल डेस्क : मशहूर कलाकार हिम्मत शाह का रविवार को जयपुर के शैल्बी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 92 साल के थे। उनके करीबी दोस्त रहे हिमांशु जांगिड़ ने यह जानकारी दी। जांगिड़ ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘पिछले एक सप्ताह से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी, लेकिन वह अपने स्टूडियो में सक्रिय रूप से काम कर रहे थे। सोमवार को उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उनका निधन हो गया।''
हिम्मत शाह के परिवार में दो बहनें हैं, जो सोमवार को जयपुर में उनके अंतिम संस्कार में शामिल होंगी। गुजरात के लोथल में 1933 में जन्मे हिम्मत का अनजाने में टेराकोटा कला और सिंधु घाटी सभ्यता की अन्य वस्तुओं से परिचय हो गया था। बाद में उन्हें दक्षिणामूर्ति से संबद्ध स्कूल घरशाला भेजा गया, जहां उन्होंने कलाकार-शिक्षक जगुभाई शाह के अधीन अध्ययन किया, फिर मुंबई में जे जे स्कूल ऑफ़ आर्ट से जुड़े और फिर 1956 से 1960 तक सरकारी सांस्कृतिक छात्रवृत्ति पर बड़ौदा चले गए।
बड़ौदा में, वह एन एस बेंद्रे और के जी सुब्रमण्यन से प्रभावित हुए। बाद में 1967 में, उन्हें पेरिस के एटलियर 17 में एसडब्ल्यू हेयटर और कृष्णा रेड्डी के तहत नक्काशी का अध्ययन करने के लिए फ्रांसीसी सरकार की छात्रवृत्ति मिली। हिम्मत शाह को बड़ौदा में ललित कला संकाय में अपने समकालीन और प्रसिद्ध चित्रकार गुलाम मोहम्मद शेख का साथ मिला। हिम्मत शाह को ‘‘उत्साही और खुशमिजाज'' व्यक्ति के रूप में याद करते हुए शेख ने कहा कि उन्होंने मूर्तिकला के प्रति ‘‘अत्यंत व्यक्तिगत दृष्टिकोण'' विकसित किया।
शेख ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘मानव सिर बनाने के विचार को विभिन्न तरीकों से सरल निपुणता और रचनात्मक भावना के साथ उन्होंने प्रदर्शित किया।'' हिम्मत शाह पांच फरवरी को किरण नादर म्यूजियम ऑफ आर्ट (केएनएमए) में शेख के रेट्रोस्पेक्टिव शो ‘‘ऑफ वर्ल्ड विदिन वर्ल्ड्स'' के उद्घाटन में शामिल हुए थे। शाह की आखिरी प्रदर्शनी ‘नाइन्टी एंड आफ्टर: एक्सकर्शन्स ऑफ ए फ्री इमेजिनेशन' पिछले साल के अंत में दिल्ली की अनंत आर्ट गैलरी में आयोजित की गई थी, जिसमें 2020-2021 के बीच बनाए गए उनके हाल के चित्रों के साथ-साथ उनकी मूर्तियों और पहले के चित्रों प्रदर्शित किया गया था।