Edited By Parminder Kaur,Updated: 16 Mar, 2025 04:05 PM

प्रसिद्ध उड़िया कवि और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रमाकांत रथ का रविवार को खारवेल नगर स्थित उनके घर पर निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे। उनके परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी। रमाकांत रथ को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनके परिवार...
नेशनल डेस्क. प्रसिद्ध उड़िया कवि और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रमाकांत रथ का रविवार को खारवेल नगर स्थित उनके घर पर निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे। उनके परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी। रमाकांत रथ को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनके परिवार में तीन बेटियां और एक बेटा हैं।
रथ के निधन पर ओडिशा के कई नेताओं और प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने शोक व्यक्त किया और उनके घर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रथ के निधन पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा और साहित्य जगत में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। रथ का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। रथ की छोटी बेटी ने बताया कि उनके बेटे के विदेश से लौटने के बाद सोमवार को पुरी के स्वर्गद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

बता दें रमाकांत रथ का जन्म 13 दिसंबर 1934 को कटक में हुआ था। उन्होंने रेवेंशॉ कॉलेज (अब विश्वविद्यालय) से अंग्रेजी साहित्य में एमए किया और 1957 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल हुए। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और 1992 में ओडिशा के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए।
रथ के प्रमुख काव्य संग्रहों में केते दिनारा (1962), सप्तम ऋतु (1977), सचित्र अंधारा (1982), श्री राधा (1985) और श्रेष्ठ कविता (1992) शामिल हैं। उनकी कई कविताओं का अनुवाद अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में भी किया गया है। उन्हें 1977 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1984 में सरला पुरस्कार, 1990 में विषुव सम्मान और 2009 में साहित्य अकादमी फेलोशिप से सम्मानित किया गया था। साहित्य के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें 2006 में पद्म भूषण से नवाजा गया था। रथ 1993 से 1998 तक केंद्रीय साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष और 1998 से 2003 तक अध्यक्ष भी रहे।