Edited By rajesh kumar,Updated: 27 Nov, 2024 01:06 PM
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उद्योगपति गौतम अडानी की गिरफ्तारी की मांग बुधवार को फिर उठाई और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन्हें बचा रही है।
नेशनल डेस्क: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उद्योगपति गौतम अडानी की गिरफ्तारी की मांग बुधवार को फिर उठाई और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन्हें बचा रही है। उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि अमेरिका में अडानी को हजारों करोड़ रुपये की अनियमितता के मामले में अभ्यारोपित किया गया है, ऐसे में उन्हें जेल में होना चाहिए।
इससे पहले, अडानी समूह की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने बुधवार को कहा कि अरबपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर कथित रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया है। कंपनी का यह भी कहना है कि उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी के तहत आरोप लगाया गया है जिसमें मौद्रिक दंड लगाया जाना शामिल है।
सरकार अडानी को बचा रही- राहुल गांधी
इस बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा, ‘‘क्या आपको (मीडियाकर्मियों को) लगता है कि अडानी अपने खिलाफ लगे आरोपों को स्वीकार करेंगे? आप किस दुनिया में रह रहे हैं? निश्चित तौर पर वह इनकार करेंगे। जैसा कि हमने पहले कहा है, उनको गिरफ्तार किया जाना चाहिए।'' कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘छोटे-छोटे मामले में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया जाता है। इन सज्जन को अमेरिका में हजारों करोड़ रुपये (की अनियमितता) के लिए अभ्योरोपित किया गया है। इनको जेल में होना चाहिए।'' उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अडानी को बचा रही है। राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले भी अडानी की गिरफ्तारी की मांग की थी।
ऐसे बयान गलत हैं- अडानी ग्रुप
इससे पहले आज, अपने एक्सचेंज फाइलिंग में, एजीईएल ने अडानी अधिकारियों के खिलाफ कथित रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों पर समाचार रिपोर्टिंग को 'गलत' बताया था। अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के बयान में कहा गया है, "मीडिया लेख बताते हैं कि हमारे कुछ निदेशकों गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत आइन पर अभियोग में अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। ऐसे बयान गलत हैं।"
इसमें कहा गया है, "गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन पर अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग या अमेरिकी एसईसी की सिविल शिकायत में निर्धारित एफसीपीए के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है।"