Edited By Rohini Oberoi,Updated: 18 Feb, 2025 02:00 PM
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जैसलमेर जिले के लाठी क्षेत्र के केरालिया गांव में एक अनोखी शादी ने समाज में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। इस शादी में दूल्हे ने दहेज प्रथा को पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया और एक मिसाल पेश की। जब दुल्हन पक्ष ने टीके की रस्म में दूल्हे को 5 लाख 51 हजार...
नेशनल डेस्क। जैसलमेर जिले के लाठी क्षेत्र के केरालिया गांव में एक अनोखी शादी ने समाज में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। इस शादी में दूल्हे ने दहेज प्रथा को पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया और एक मिसाल पेश की। जब दुल्हन पक्ष ने टीके की रस्म में दूल्हे को 5 लाख 51 हजार रुपये भेंट दिए तो दूल्हे के पिता ने बिना किसी संकोच के यह धनराशि वापस लौटा दी। उन्होंने केवल शगुन के रूप में एक रुपये और नारियल लेकर समाज में सकारात्मक संदेश दिया।
इस पहल को देखकर शादी में शामिल लोग और पूरे गांव के लोग भावुक हो गए। दुल्हन के पिता भी इस समय अपनी भावनाओं को नहीं रोक पाए और उन्होंने दूल्हे और उनके परिवार की सराहना की।
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सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं दूल्हे
दूल्हे परमवीर सिंह कूंमावत जो पाली जिले के कण्टालिया गांव के निवासी हैं फिलहाल सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं। वहीं दुल्हन नितिका कंवर एक स्नातकोत्तर छात्रा हैं। 14 फरवरी को दोनों की शादी केरालिया गांव में हुई थी। दूल्हे द्वारा दहेज जैसी कुप्रथा को नकारने वाली यह पहल पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गई।
दहेज को नकारने की पहल: एक आवश्यक कदम
जब दूल्हे ने 5 लाख 51 हजार रुपये लौटाने का निर्णय लिया तो उन्होंने कहा कि उन्हें दहेज की कोई आवश्यकता नहीं है और इस प्रथा को समाप्त करना चाहिए। दूल्हे ने इस मौके पर समाज में बदलाव लाने के लिए शिक्षित लोगों से पहल करने का आग्रह किया और कहा कि यह बदलाव एक दिन में नहीं होगा लेकिन हमें शुरुआत कहीं से तो करनी ही होगी।
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दुल्हन के पिता जेठूसिंह भाटी ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे निर्णय समाज में बदलाव ला सकते हैं और किसी भी पिता को अपनी बेटी को बोझ समझने की मानसिकता से मुक्त कर सकते हैं। उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वे इस परंपरा को खत्म करने के लिए काम करेंगे।
बता दें कि यह अनोखी पहल निश्चित रूप से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।