Edited By rajesh kumar,Updated: 22 Dec, 2024 01:03 PM
आर्थिक वृद्धि की रफ्तार, अनुकूल बाजार परिस्थतियों और नियामकीय ढांचे में सुधार की वजह से इस साल यानी 2024 में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के बाजार में काफी तेजी देखने को मिली है।
बिजनेस डेस्क: आर्थिक वृद्धि की रफ्तार, अनुकूल बाजार परिस्थतियों और नियामकीय ढांचे में सुधार की वजह से इस साल यानी 2024 में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के बाजार में काफी तेजी देखने को मिली है। साल के दौरान कंपनियों ने आईपीओ के जरिये रिकॉर्ड 1.6 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। माना जा रहा है कि अगला साल भी आईपीओ के लिए काफी अच्छा रहेगा। आईपीओ के लिए असाधारण रहा यह साल न केवल निर्गम लाने वाली कंपनियों के भरोसे को दर्शाता है, बल्कि इससे निवेशकों के विश्वास का भी पता चलता है।
निवेशकों ने सूचीबद्धता के दिन लाभ कमाने के अलावा दीर्घावधि के लिए भी कंपनियों की क्षमताओं में भरोसा जताया है। इस साल हुंदै मोटर इंडिया का 27,870 करोड़ रुपये का आईपीओ आया। यह देश के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ है। साल के दौरान बड़ी, मझोली और छोटी - कंपनियों ने शेयर जारी कर धन जुटाया। 2024 में आईपीओ का औसत आकार बढ़कर 1,700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। 2023 में यह 867 करोड़ रुपये रहा था। अकेले दिसंबर में कम से कम 15 आईपीओ आए हैं।
आनंद राठी एडवाइजर्स के निदेशक व प्रमुख-ईसीएम, निवेश बैंकिंग वी प्रशांत राव ने कहा, ‘‘खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की सक्रिय हिस्सेदारी, निजी पूंजीगत व्यय में वृद्धि और बुनियादी ढांचे और प्रमुख क्षेत्रों पर सरकार के ध्यान से सामूहिक रूप से आईपीओ के जरिये धन जुटाने की गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ी।'' बाजार विश्लेषकों का मानना है कि नए साल में भी आईपीओ के जरिये धन जुटाने की गतिविधियों में तेजी रहेगी। अगले साल यानी 2025 में आईपीओ का आंकड़ा इस साल के आंकड़े को पार कर सकता है।
इक्विरस के प्रबंध निदेशक और इक्विटी पूंजी बाजार के प्रमुख मुनीश अग्रवाल ने कहा, ‘‘75 आईपीओ दस्तावेज इस समय मंजूरी के विभिन्न चरणों में हैं। इस आधार पर हमारा मानना है कि 2025 में कंपनियां आईपीओ के जरिये 2.5 लाख करोड़ रुपये तक जुटा सकती हैं।'' अगले साल जिन कंपनियों के आईपीओ आने हैं उनमें एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज का प्रस्तावित 12,500 करोड़ रुपये का निर्गम शामिल है। इसके अलावा एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का 15,000 करोड़ रुपये का निर्गम और हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज का 9,950 करोड़ रुपये का आईपीओ भी प्रस्तावित है।
एक्सचेंज के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 90 आईपीओ आए जिनके जरिये सामूहिक रूप से 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। इसमें 23-24 दिसंबर को समाप्त होने वाले आठ आईपीओ शामिल हैं। इसके अलावा, यूनिमेक एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग का 500 करोड़ रुपये का आईपीओ 23 दिसंबर को खुलने वाला है। साथ ही वोडाफोन आइडिया ने अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के जरिये 18,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
इससे पिछले साल यानी 2023 में 57 कंपनियों ने आईपीओ से 49,436 करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी। 2021 में 63 कंपनियों ने आईपीओ से 1.2 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। यह दो दशक का सबसे ऊंचा आंकड़ा था। प्राइमडाटाबेस.कॉम के आंकड़ों के अनुसार, छोटी और मझोली कंपनियों (एसएमई) के आईपीओ के बाजार में भी इस साल काफी तेजी देखने को मिली है। साल के दौरान 238 छोटी और मझोली कंपनियों ने शेयर जारी कर 8,700 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
2023 में एसएमई आईपीओ के जरिये 4,686 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई थी। इस साल का सबसे बड़ा आईपीओ हुंदै मोटर इंडिया (27,870 करोड़) का रहा। उसके बाद स्विगी (11,327 करोड़ रुपये), एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी (10,000 करोड़ रुपये), बजाज हाउसिंग फाइनेंस (6,560 करोड़ रुपये) और ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (6,145 करोड़ रुपये) का स्थान रहा। इसके उलट विभोर स्टील ट्यूब्स के आईपीओ का आकार सबसे छोटा यानी 72 करोड़ रुपये रहा।