Edited By rajesh kumar,Updated: 02 Oct, 2024 02:05 PM
7 फरवरी 1968 को भारतीय वायुसेना का एक विमान चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरते समय हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस विमान में 102 लोग सवार थे, जिनमें से सभी की मृत्यु हो गई। इस हादसे में केरल के 22 वर्षीय जवान थॉमस...
नेशनल डेस्क: 7 फरवरी 1968 को भारतीय वायुसेना का एक विमान चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरते समय हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस विमान में 102 लोग सवार थे, जिनमें से सभी की मृत्यु हो गई। इस हादसे में केरल के 22 वर्षीय जवान थॉमस चेरियन भी शहीद हो गए थे। कई दशकों तक उनके शव के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी, लेकिन अब 56 साल बाद उनके अवशेष मिल गए हैं, जिससे उनके परिवार को कुछ राहत मिली है।
थॉमस चेरियन के परिवार को 30 सितंबर 2024 को सूचना दी गई कि उनके अवशेष बरामद कर लिए गए हैं। चेरियन पथानामथिट्टा जिले के ओडालिल परिवार के पांच बच्चों में से दूसरे नंबर पर थे। जब दुर्घटना की खबर आई थी, तब पूरा परिवार 56 वर्षों तक उनके लौटने की उम्मीद लगाए बैठा था। उनके छोटे भाई थॉमस वर्गीस को उस दिन की स्पष्ट याद है जब 7 फरवरी 1968 को विमान के लापता होने की सूचना देने वाला टेलीग्राम उनके घर पहुंचा था।
56 साल बाद मिला थॉमस चेरियन का शव
2003 में अधिकारियों ने पुष्टि की थी कि विमान चंद्रभागा रेंज में क्रैश हो गया था, और कुछ शव बरामद किए गए थे। हालांकि, थॉमस चेरियन का शव अब 56 साल बाद मिला है। उनके भाई वर्गीस ने कहा कि यह उनके लिए दुख और राहत का क्षण है। चेरियन के भतीजे शैजू मैथ्यू ने भारतीय सेना और सरकार का आभार जताते हुए कहा कि इतने सालों के बाद भी उनकी खोज जारी रखना उनके लिए गर्व की बात है।
4 और सैनिकों के शव मिले
इस विमान में केरल के अन्य सैनिक भी सवार थे, जिनमें कोट्टायम के केपी पनिकर, केके राजपन और आर्मी सर्विस कोर के एस भास्करन पिल्लई शामिल हैं, जिनके शव अभी तक नहीं मिले हैं। सितंबर 2024 में रोहतांग दर्रे के पास 4 और सैनिकों के शव मिले, जिनमें से 3 की पहचान हो चुकी है, जिसमें थॉमस चेरियन भी शामिल हैं। वहीं, स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि चौथा शव रन्नी के पीएस जोसेफ का हो सकता है, जो इसी विमान में सवार थे।