Edited By Parveen Kumar,Updated: 24 Nov, 2024 04:23 PM
चर्चा से दूर और मिलनसार नेता माने जाने वाले एवं आठ बार विधायक रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट को इस बार विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।
नेशनल डेस्क : चर्चा से दूर और मिलनसार नेता माने जाने वाले एवं आठ बार विधायक रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट को इस बार विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। निवर्तमान विधानसभा में सबसे वरिष्ठ विधायक और कांग्रेस विधायक दल के नेता 71 वर्षीय थोराट ने हाल ही में मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा का संकेत दिया था। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के शनिवार को घोषित नतीजों के मुताबिक, विजय भाऊसाहेब थोराट जिन्हें बालासाहेब थोराट के नाम से जाना जाता है, अहिल्यानगर जिले की संगमनेर सीट से शिवसेना के अमोल खटाल से 10,560 मतों के अंतर से हार गए।
उन्होंने 1985 में संगमनेर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। उसके बाद के सभी चुनाव उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर संगमनेर से जीते। पिछले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (2019) में उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी का नेतृत्व किया था। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के रूप में अशोक चव्हाण का स्थान लिया था, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद इस्तीफा दे दिया था। यह वह समय था जब तत्कालीन भाजपा और शिवसेना गठबंधन ने राज्य में विधानसभा चुनाव जीता था।
थोराट के नेतृत्व में कांग्रेस 2019 में 44 सीट जीतने में सफल रही, जो 2014 की तुलना में दो अधिक थीं। अहिल्यानगर में सहकारी आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे थोराट को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। कांग्रेस कार्य समिति के स्थायी आमंत्रित सदस्य थोराट 1999 से 2014 तक मंत्री रहे और बाद में महा विकास आघाडी (एमवीए) शासन में भी मंत्री रहे।