संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण: पेपर लीक के दोषियों को सजा मिलेगी, आपातकाल काला अध्याय

Edited By Parveen Kumar,Updated: 27 Jun, 2024 05:55 PM

those guilty of paper leak will be punished emergency is a black chapter

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को संविधान के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता जताते हुए आपातकाल की निंदा की और इसे संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय बताया।

नेशनल डेस्क : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को संविधान के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता जताते हुए आपातकाल की निंदा की और इसे संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय बताया। उन्होंने परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने की हालिया घटनाओं की जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि आगामी आम बजट में कई ऐतिहासिक कदम उठाये जाएंगे एवं प्रमुख आर्थिक निर्णय लिए जाएंगे।

अठारहवीं लोकसभा में पहली बार संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि उनकी सरकार देश के युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने में सक्षम बनाने के लिए माहौल तैयार करने का काम कर रही है। जिस वक्त वह शिक्षा के मोर्चे पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र कर रही थीं, उस वक्त विपक्ष के कुछ सदस्यों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में कथित अनियमितताओं को लेकर नारे लगाते सुना गया। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अगर किसी कारण से परीक्षाओं में बाधा आती है तो यह उचित नहीं है। सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में शुचिता और पारदर्शिता बहुत जरूरी है।''

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार पेपर लीक होने की हालिया घटनाओं की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।'' राष्ट्रपति ने कहा कि पहले भी कुछ राज्यों में पेपर लीक की घटनाएं हुई हैं। उन्होंने इस संदर्भ में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय स्तर पर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता भी जताई। राष्ट्रपति ने कहा कि संसद ने भी पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार परीक्षा प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए काम कर रही है। अभिभाषण के समय राष्ट्रपति के दाएं और बाएं ओर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ तथा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बैठे हुए थे।

लोगों ने हमेशा लोकतंत्र के प्रति विश्वास प्रकट किया

इस अवसर पर सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्य, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राज्यसभा के नेता सदन जे पी नड्डा तथा विभिन्न दलों के नेता एवं सदस्य मौजूद थे। देश में हाल में हुए आम चुनाव के दौरान कश्मीर में हुए मतदान में कई रिकॉर्ड टूटने की ओर ध्यान दिलाते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इन चुनाव के माध्यम से घाटी ने देश के दुश्मनों को करारा जवाब दिया है। हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव के सफल आयोजन के लिए निर्वाचन आयोग को बधाई देते हुए मुर्मू ने कहा कि भारत के लोगों ने हमेशा लोकतंत्र के प्रति अपना पूर्ण विश्वास प्रकट किया है, चुनाव से जुड़ी संस्थाओं पर पूरा भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए ‘‘हमें इस विश्वास को सहेज कर रखना है, इसकी रक्षा करनी है।''

मुर्मू ने कहा, ‘‘हमारे लोकतंत्र की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाने की हर कोशिश की सामूहिक आलोचना होनी चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को वो दौर याद है जब मतपत्रों को छीन लिया जाता था, लूट लिया जाता था। मतदान प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए ईवीएम को अपनाने का फैसला किया गया था।'' मुर्मू ने कहा कि पिछले कई दशकों में ईवीएम ने उच्चतम न्यायालय से लेकर जनता की अदालत तक हर कसौटी को पार किया है। उन्होंने कहा कि अगले संसद सत्र में सरकार द्वारा पेश किया जाने वाला बजट भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘बजट में प्रमुख आर्थिक एवं सामाजिक निर्णय लिए जाएंगे और कई ऐतिहासिक कदम उठाए जाएंगे। लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सुधारों की गति बढ़ायी जाएगी।''

राष्ट्रपति के अनुसार सरकार का मानना है कि निवेश के लिए राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद की भावना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, पिछले दस साल में आठ प्रतिशत की दर से औसत विकास हुआ है जबकि यह कोई सामान्य काल नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘यह विकास दर विश्व के विभिन्न हिस्सों में वैश्विक महामारी और संघर्ष के बीच हासिल की गयी है। यह पिछले दस वर्ष में सुधारों का परिणाम है। अकेले भारत ने वैश्विक विकास में 15 प्रतिशत का योगदान दिया है। मेरी सरकार भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम कर रही है।''

संविधान पर कई बार हुए हमले

उन्होंने देश में 1975 में लागू आपातकाल को ‘संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय' बताते हुए कहा कि ऐसे अनेक हमलों के बावजूद देश ने असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त करके दिखाई। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान, बीते दशकों में हर चुनौती, हर कसौटी पर खरा उतरा है और जब संविधान बन रहा था, तब भी दुनिया में ऐसी ताकतें थीं, जो भारत के असफल होने की कामना कर रही थीं। राष्ट्रपति ने अपने 55 मिनट के अभिभाषण में कहा कि देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर अनेक बार हमले हुए।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार भी भारत के संविधान को सिर्फ राजकाज का माध्यम भर नहीं मानती, बल्कि हमारा संविधान जन-चेतना का हिस्सा हो, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। इसी ध्येय के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है।'' राष्ट्रपति ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में भी संविधान पूरी तरह लागू हो गया है, जहां (पहले) अनुच्छेद 370 की वजह से स्थितियां कुछ और थीं। राष्ट्रपति ने सदस्यों को आगाह करते हुए कहा कि आज की संचार क्रांति के युग में विघटनकारी ताकतें, लोकतंत्र को कमजोर करने और समाज में दरार डालने की साजिश रच रही हैं। मुर्मू ने कहा कि ये ताकतें देश के भीतर भी हैं और देश के बाहर से भी संचालित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इनके द्वारा अफवाह फैलाने का, जनता को भ्रम में डालने का, गलत सूचनाओं का सहारा लिया जा रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इस स्थिति को ऐसे ही बेरोक-टोक नहीं चलने दिया जा सकता। आज के समय में प्रौद्योगिकी हर दिन और उन्नत हो रही है। ऐसे में मानवता के विरुद्ध इनका गलत उपयोग बहुत घातक है। भारत ने विश्व मंच पर भी इन चिंताओं को प्रकट किया है और एक वैश्विक रूपरेखा की वकालत की है। हम सभी का दायित्व है कि इस प्रवृत्ति को रोकें, इस चुनौती से निपटने के लिए नए रास्ते खोजें।'' सशक्त भारत के लिए सैन्यबलों में आधुनिकता एवं आत्मनिर्भरता की जरूरत पर बल देते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि देश का रक्षा निर्यात 18 गुना अधिक हुआ है तथा फिलीपीन के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का रक्षा सौदा, रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भारत की पहचान मज़बूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि सशक्त भारत के लिए ‘‘हमारे सैन्यबलों में आधुनिकता जरूरी है। युद्ध की स्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ रहें, इसके लिए सेनाओं में सुधार की प्रक्रिया निरंतर जारी रहनी चाहिए।''

10 साल में रक्षा क्षेत्र में कई सुधार किए

उन्होंने कहा कि इसी सोच के साथ उनकी सरकार ने पिछले 10 साल में रक्षा क्षेत्र में कई सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि सीडीएस (प्रमुख रक्षा अध्यक्ष) पद के गठन जैसे सुधारों ने सेनाओं को नयी मजबूती प्रदान की है। राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने युवाओं और उनके ‘स्टार्टअप' को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की मजबूत नींव तैयार की है। उन्होंने कहा कि सरकार उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा गलियारे भी विकसित कर रही है। महिला नीत विकास पर बल देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार चाहती है कि देश की महिलाओं का कौशल, उनकी कमाई के साधन और उनका सम्मान बढ़े। उन्होंने कहा कि सरकार ने महिला सशक्तीकरण के एक नए युग की शुरूआत की है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘देश की नारी शक्ति लंबे समय से लोकसभा और विधानसभाओं में अधिक भागीदारी की मांग कर रही थी। आज उनके पास नारी शक्ति वंदन अधिनियम की ताकत है।'' उन्होंने दावा किया कि सरकार की योजनाओं की वजह से पिछले एक दशक में महिलाओं का आर्थिक सामर्थ्य बढ़ा है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके तहत बीते 10 वर्ष में बने चार करोड़ मकानों में से ज्यादातर मकान महिलाओं के नाम ही आबंटित हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही सरकार ने 3 करोड़ नए घर बनाने को स्वीकृति दे दी है। इनमें से भी अधिकतर घर महिलाओं के नाम पर ही आबंटित होंगे।'' राष्ट्रपति ने कहा कि बीते 10 वर्षों में 10 करोड़ महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी' बनाने का एक व्यापक अभियान चलाया है तथा इसके लिए स्व-सहायता समूहों को आर्थिक मदद भी बढ़ाई जा रही है।

30 हजार महिलाओं को प्रमाण पत्र दिए

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का प्रयास है कि महिलाओं का कौशल बढ़े, उनकी कमाई के साधन बढ़ें और उनका सम्मान बढ़े। ‘नमो ड्रोन दीदी' योजना इस लक्ष्य की पूर्ति में सहायक बन रही है। इस योजना के तहत हज़ारों स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को ड्रोन दिए जा रहे हैं, ड्रोन पायलट बनने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।'' मुर्मू ने कहा कि सरकार ने हाल में ही ‘कृषि सखी' कार्यक्रम भी शुरु किया है। उन्होंने कहा कि इसके तहत अभी तक स्व-सहायता समूहों की 30 हज़ार महिलाओं को कृषि सखी के रूप में प्रमाण पत्र दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कृषि सखियों को आधुनिक खेती की तकनीक में प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे कृषि को और आधुनिक बनाने में किसानों की मदद कर सकें।''

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार का यह भी प्रयास है कि महिलाएं अधिक से अधिक बचत कर सकें। बैंक खातों में जमा राशि पर बेटियों को ज्यादा ब्याज देने वाली सुकन्या समृद्धि योजना की लोकप्रियता से हम परिचित हैं।'' मुर्मू के अभिभाषण में उन कुछ विषयों का भी उल्लेख था जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव घोषणापत्र में थे। इनमें बुलेट ट्रेन परियोजना, 70 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना शामिल हैं। हालांकि, अभिभाषण में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और एक राष्ट्र-एक चुनाव का कोई उल्लेख नहीं था। राष्ट्रपति के संबोधन के बाद उप राष्ट्रपति धनखड़ ने उनके अभिभाषण के प्रारंभिक और अंतिम अंशों का अंग्रेजी अनुवाद पढ़ा। 

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