Edited By Parveen Kumar,Updated: 04 Feb, 2025 12:22 AM
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि महाकुंभ में पिछले दिनों भगदड़ के दौरान 'हजारों' लोगों की मौत हो गई जिस पर सदन में हंगामा हुआ और सभापति जगदीप धनखड़ ने उनसे बयान वापस लेने को कहा।
नेशनल डेस्क : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि महाकुंभ में पिछले दिनों भगदड़ के दौरान 'हजारों' लोगों की मौत हो गई जिस पर सदन में हंगामा हुआ और सभापति जगदीप धनखड़ ने उनसे बयान वापस लेने को कहा। खरगे ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर उच्च सदन में हुई चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि महाकुंभ में पिछले दिनों हुई भगदड़ के दौरान 'हजारों' लोगों की मौत हो गई। उनके इस बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता खरगे ने तुरंत कहा कि "यह मेरा अनुमान है (और) अगर यह सही नहीं है तो आपको (सरकार को) बताना चाहिए कि सही संख्या क्या है।'' उन्होंने कहा, "मैंने किसी को दोषी ठहराने के लिए 'हजारों' नहीं कहा। लेकिन कितने लोग मारे गए, कम से कम यह जानकारी तो दें। अगर मैं गलत हूं तो मैं माफी मांगूंगा। उन्हें आंकड़ा देना चाहिए कि कितने लोग मारे गए, कितने लापता हैं।'' उल्लेखनीय है कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर स्नान के दौरान भगदड़ मच गई थी। सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 30 लोगों की मौत हो गई।
खरगे ने कहा, "मैं महाकुंभ में मारे गए लोगों को अपनी श्रद्धांजलि देता हूं... कुंभ में मारे गए हजारों लोगों को'', जिसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विरोध किया। सभापति धनखड़ ने उनसे अपना बयान वापस लेने का आग्रह किया। धनखड़ ने कहा, "विपक्ष के नेता ने हजारों की संख्या में आंकड़े दिया है... मैं उनसे अपील करता हूं कि इस सदन में जो भी कहा जाता है, उसका बहुत महत्व होता है। आपने कुछ ऐसा कहा है, जिससे सभी स्तब्ध हैं। यहां से जो संदेश जाता है, भले ही उसका खंडन हो, वह पूरी दुनिया में जाता है।''
खरगे ने कहा कि उन्होंने किसी को दोषी ठहराने के लिए यह आंकड़ा नहीं बताया। खरगे जब अपना भाषण दे रहे थे, उसी दौरान भाजपा सदस्य नीरज शेखर ने कोई टिप्पणी की। इससे कांग्रेस अध्यक्ष नाराज हो गए और उन्होंने तीखे लहजे में शेखर से बैठने को कहा। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों के हंगामे के बीच खरगे ने कहा कि शेखर के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर उनके मित्र थे। सदन में हंगामे के बीच सभापति धनखड ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर देश के सबसे बड़े नेताओं में एक थे और उन्होंने खरगे से अपनी टिप्पणी वापस लेने की मांग की। इस पर खरगे ने कहा, ‘‘मैं किसी का अपमान नहीं करना चाहता, मैंने चंद्रशेखर जी के साथ काम किया है।''