Ukraine-Russia युद्ध में परमाणु हमले का खतरा? यूरोपीय देश युद्ध की तैयारी में जुटे, जमा किया भोजन-पानी

Edited By Mahima,Updated: 20 Nov, 2024 09:31 AM

threat of nuclear attack in ukraine russia war

यूक्रेन-रूस युद्ध गंभीर मोड़ पर पहुंच चुका है, जहां रूस ने परमाणु हमले की धमकी दी है। यूक्रेन को अमेरिका से लंबी दूरी की मिसाइलें मिली हैं, जिससे युद्ध और बढ़ सकता है। नाटो देशों ने युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है, और रूस ने मोबाइल बंकरों का निर्माण...

नेशनल डेस्क: यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष अब बेहद गंभीर मोड़ पर पहुंच चुका है। पिछले कुछ दिनों में रूस ने अपने परमाणु नीति में बदलाव किया और चेतावनी दी कि यदि यूक्रेन रूस के अंदर बैलिस्टिक मिसाइलें दागता है, तो वह जवाब में परमाणु हमला करेगा। यह बयान दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को जन्म दे रहा है, और यूरोपीय देशों में युद्ध की तैयारियां तेज हो गई हैं। नाटो देशों के नागरिकों को युद्ध की स्थिति के लिए पर्चे और गाइडलाइंस भेजी जा रही हैं, जबकि रूस में भी अपनी सुरक्षा को लेकर योजनाएं बनाई जा रही हैं।

यूक्रेन पर परमाणु हमले की धमकी
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश की नई परमाणु नीति की घोषणा करते हुए कहा कि यदि कोई गैर-परमाणु देश, जैसे कि यूक्रेन, किसी परमाणु शक्ति संपन्न देश, जैसे कि रूस, के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल करता है, तो इसे रूस के खिलाफ युद्ध माना जाएगा और उसका जवाब परमाणु हमले से दिया जाएगा। रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने यह भी कहा कि इस प्रकार के हमलों का जवाब रूस न केवल यूक्रेन, बल्कि नाटो देशों के ठिकानों पर भी दे सकता है। उनका मानना है कि यह स्थिति तीसरे विश्व युद्ध का आगाज कर सकती है। पुतिन का कहना है कि अमेरिका, जो यूक्रेन को लगातार सैन्य सहायता प्रदान कर रहा है, अब युद्ध को बढ़ावा दे रहा है। रूस ने अपनी नई नीति में स्पष्ट किया है कि रूस के खिलाफ मिसाइलों का इस्तेमाल अब सीधे युद्ध का कारण होगा। इसके परिणामस्वरूप परमाणु हमले की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे पूरी दुनिया में युद्ध का खतरा बढ़ गया है।

ATACMS मिसाइलों का इस्तेमाल
यूक्रेन ने हाल ही में अमेरिका से लंबी दूरी की ATACMS मिसाइलों की मंजूरी प्राप्त की है, जिनका इस्तेमाल अब रूस के अंदर हमला करने के लिए किया जा सकता है। ये मिसाइलें 300 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती हैं और इसके द्वारा रूस के छोटे-बड़े शहरों को निशाना बनाया जा सकता है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इन मिसाइलों के इस्तेमाल के अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। उनका कहना है कि यह कार्रवाई शब्दों से नहीं, बल्कि मिसाइलों से की जाएगी। यूक्रेन के लिए यह मिसाइलें गेम चेंजर साबित हो सकती हैं, क्योंकि पहले वह केवल रूस-यूक्रेन सीमा के पास के क्षेत्रों तक ही सीमित थे, लेकिन अब यूक्रेन के पास रूस के अंदर भी हमला करने की क्षमता है। इस निर्णय के बाद रूस ने अपनी परमाणु नीति में बदलाव किया और जवाबी परमाणु हमले की धमकी दी है, जिससे युद्ध का खतरा और बढ़ गया है।

नाटो देशों में युद्ध की तैयारी
नाटो देशों में अब परमाणु हमले की आशंका को लेकर नागरिकों को युद्ध की तैयारी करने की सलाह दी जा रही है। स्वीडन ने अपने नागरिकों को शेल्टर बनाने और जरूरी खाद्य सामग्री जमा करने के लिए पर्चे जारी किए हैं। यह पर्चा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सिर्फ पांच बार जारी किया गया है, और इस बार प्रत्येक नागरिक के घर में भेजा गया है। स्वीडन के नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे खाने-पीने का सामान, पानी और दवाएं जुटा लें, क्योंकि आपातकालीन स्थिति में इनकी आवश्यकता पड़ सकती है। नॉर्वे और डेनमार्क ने भी इसी तरह के अलर्ट जारी किए हैं। नॉर्वे ने अपने नागरिकों को यह बताया है कि युद्ध की स्थिति में उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए क्या करना चाहिए और किस प्रकार के राशन और आपातकालीन वस्तुएं जुटानी चाहिए।

डेनमार्क ने नागरिकों से तीन दिनों के लिए राशन, पानी और दवाओं का स्टॉक करने की अपील की है। इसके अलावा, यूरोपीय देशों में नागरिकों को शेल्टर की तैयारी के लिए भी सुझाव दिए जा रहे हैं। फिनलैंड, जो रूस के साथ लंबी सीमा साझा करता है, उसने भी अपनी तैयारी को तेज कर दिया है। फिनलैंड ने अपनी गाइडलाइनों को अपडेट किया है, जिसमें बताया गया है कि संकट की स्थिति में नागरिकों को क्या कदम उठाने चाहिए। फिनलैंड के नागरिकों को बताया गया है कि -20 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी कैसे खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है। फिनलैंड ने नागरिकों से आयोडीन की गोलियां, खाद्य सामग्री और बैकअप बिजली आपूर्ति तैयार करने के लिए कहा है। इसके अलावा, पालतू जानवरों के लिए भोजन और अन्य जरूरी सामान की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है।

रूस में N-Resistant मोबाइल बंकरों का निर्माण
रूस ने परमाणु हमले से बचने के लिए N-Resistant मोबाइल बंकरों का निर्माण शुरू किया है। इन बंकरों को विभिन्न प्रकार के खतरों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें परमाणु विस्फोट, विकिरण, पारंपरिक हथियारों से होने वाली क्षति और रासायनिक हमलों से बचाव शामिल है। इन बंकरों को KUB-M नाम दिया गया है, और यह मजबूत शिपिंग कंटेनर जैसे दिखते हैं, जिसमें 54 लोगों के लिए एक शेल्टर और एक तकनीकी ब्लॉक होता है। ये बंकर 48 घंटे तक सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, और इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है यदि आवश्यकता हो।

यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों का समर्थन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में यूक्रेन को ATACMS मिसाइलों का इस्तेमाल करने की मंजूरी दी है। पहले यूक्रेन को रूस के भीतर हमले की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब यह निर्णय लिया गया है कि यूक्रेन इन मिसाइलों का उपयोग रूस के अंदर स्थित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए कर सकता है। इस निर्णय से रूस के 200 से अधिक शहर अब यूक्रेन के निशाने पर हैं, और इससे रूस में बौखलाहट बढ़ गई है। अमेरिका के इस फैसले को लेकर आलोचनाएं भी उठ रही हैं, खासकर डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के बीच, जिन्होंने इसे युद्ध को बढ़ावा देने का कदम बताया है।

ट्रंप के बेटे ने जताई चिंता
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेटे, डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने बाइडेन प्रशासन के इस फैसले पर चिंता जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि बाइडेन सरकार तीसरे विश्व युद्ध की दिशा में कदम बढ़ा रही है, जबकि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी प्रचार के दौरान यह वादा किया था कि वे युद्ध को खत्म करेंगे और शांति स्थापित करेंगे। ट्रंप जूनियर का कहना है कि बाइडेन सरकार को यह कदम नहीं उठाना चाहिए था, क्योंकि यह युद्ध को और भड़का सकता है और अमेरिका के नेतृत्व में वैश्विक संकट पैदा कर सकता है।

यूक्रेन युद्ध का वैश्विक प्रभाव
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध अब केवल दोनों देशों तक सीमित नहीं रह गया है। यह संघर्ष पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि रूस एक परमाणु शक्ति संपन्न देश है और यूक्रेन पर हमले का जवाब परमाणु हमले के रूप में मिल सकता है। इससे वैश्विक शांति और सुरक्षा को बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है। अमेरिका और नाटो देशों का समर्थन यूक्रेन को और रूस की धमकियों ने युद्ध के दायरे को और बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि युद्ध और बढ़ता है तो यह केवल यूरोप तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी दुनिया को इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

तीसरे विश्व युद्ध का खतरा अब वास्तविक रूप लेता दिखाई दे रहा है, और इसका असर वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था और मानवता पर पड़ सकता है। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध एक नाजुक मोड़ पर है। यदि युद्ध और बढ़ता है, तो यह न केवल यूरोप, बल्कि पूरी दुनिया के लिए गंभीर परिणामों का कारण बन सकता है। परमाणु हथियारों का इस्तेमाल, युद्ध की स्थितियों में वृद्धि, और नाटो देशों की तैयारी से यह स्पष्ट है कि अब हम तीसरे विश्व युद्ध के बेहद करीब पहुंच चुके हैं। इस संकट से उबरने के लिए कूटनीतिक समाधान और शांति की दिशा में तत्काल प्रयासों की आवश्यकता है।

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