Edited By Anu Malhotra,Updated: 02 Jan, 2025 04:46 PM
कल्पना कीजिए कि आप एक ऐसी फ्लाइट में सफर कर रहे हैं जो आपको समय में पीछे ले जाती है। यह किसी साइंस फिक्शन फिल्म का सीन नहीं, बल्कि असल जिंदगी की घटना है। साल 2025 की शुरुआत में एक ऐसा वाकया सामने आया, जिसने लोगों को हैरानी में डाल दिया। कैथे पैसिफिक...
नेशनल डेस्क: कल्पना कीजिए कि आप एक ऐसी फ्लाइट में सफर कर रहे हैं जो आपको समय में पीछे ले जाती है। यह किसी साइंस फिक्शन फिल्म का सीन नहीं, बल्कि असल जिंदगी की घटना है। साल 2025 की शुरुआत में एक ऐसा वाकया सामने आया, जिसने लोगों को हैरानी में डाल दिया। कैथे पैसिफिक की फ्लाइट CX880 ने समय और तारीख के नियमों को लेकर लोगों की सोच को एक नई दिशा दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह फ्लाइट 1 जनवरी 2025 को हांगकांग से उड़ान भरते हुए 31 दिसंबर 2024 को लॉस एंजेलिस पहुंची। इस अजीबोगरीब घटना के पीछे कोई जादू नहीं, बल्कि इंटरनेशनल डेट लाइन का विज्ञान काम करता है।
हांगकांग से लॉस एंजेलिस तक का सफर और 16 घंटे का समय अंतर
हांगकांग और लॉस एंजेलिस के समय में 16 घंटे का अंतर है। जब यह फ्लाइट 1 जनवरी को हांगकांग से रवाना हुई, तो वहां नए साल की शुरुआत हो चुकी थी। लेकिन लॉस एंजेलिस अब भी 2024 में था। 12 घंटे की यात्रा के दौरान, फ्लाइट ने इंटरनेशनल डेट लाइन को पार किया, जिससे यात्रियों को ऐसा महसूस हुआ कि वे समय में पीछे चले गए हैं।
यात्रा का यह पहलू इतना खास था कि फ्लाइट में सवार लोगों को दो बार नए साल का जश्न मनाने का मौका मिला। उन्होंने पहले हांगकांग में 1 जनवरी का स्वागत किया और फिर लॉस एंजेलिस पहुंचकर 31 दिसंबर को फिर से न्यू ईयर ईव सेलिब्रेट किया।
क्या है इंटरनेशनल डेट लाइन?
इंटरनेशनल डेट लाइन (IDL) प्रशांत महासागर के बीच से गुजरने वाली एक काल्पनिक रेखा है, जो धरती को दो समय क्षेत्रों में बांटती है। इस रेखा को पार करने पर तारीख बदल जाती है। पश्चिम की ओर जाने पर एक दिन जुड़ जाता है, जबकि पूर्व की ओर आने पर तारीख एक दिन पीछे चली जाती है।
यह रेखा न तो सीधी है और न ही इसका कोई कानूनी दर्जा है। यह अलग-अलग देशों और उनकी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार टेढ़ी-मेढ़ी है। रूस और अलास्का के बीच, यह रेखा जिगजैग करती है, जिससे इसकी संरचना और भी जटिल हो जाती है।
यात्रियों के लिए एक अनोखा अनुभव
इस यात्रा ने कैथे पैसिफिक CX880 के यात्रियों के लिए यादगार क्षण प्रदान किए। उन्होंने एक ही यात्रा में दो बार नए साल का जश्न मनाने का मौका पाया। यह घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई और लोगों को इंटरनेशनल डेट लाइन के पीछे छिपे विज्ञान को समझने का मौका भी मिला।
यह घटना भले ही टाइम ट्रैवल जैसा लगे, लेकिन यह धरती की भौगोलिक और समय संबंधी संरचना का एक अद्भुत उदाहरण है। यात्रियों ने न केवल समय का खेल देखा, बल्कि इसे महसूस भी किया।