Edited By Harman Kaur,Updated: 20 Sep, 2024 02:20 PM
तिरुपति बालाजी के प्रसाद में चर्बी मिलाने के मामले को लेकर अयोध्या के साधु-संतों में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा है कि इस घोटाले में शामिल दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
नेशनल डेस्क: तिरुपति बालाजी के प्रसाद में चर्बी मिलाने के मामले को लेकर अयोध्या के साधु-संतों में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा है कि इस घोटाले में शामिल दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि तिरुपति बालाजी एक आस्था का केंद्र है, जहां लाखों लोग आते हैं। प्रसाद में चर्बी मिलाने की जानकारी मिलना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ है। जो भी दोषी हैं, उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए।"
वहीं, राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी इस मामले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी सही तरीके से जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी पाए जाएं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं, साकेत भवन मंदिर के महंत सीताराम दास ने इस मामले को तुष्टिकरण की राजनीति से जोड़ा और कहा कि इस प्रकार की घटनाएं हिंदू धर्म को कमजोर करने का प्रयास हैं। उन्होंने कहा, "तिरुपति के प्रसाद में मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलाना पूरी तरह से गलत है।"
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया है कि पिछली जगमोहन सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में पशु चर्बी मिलाई गई। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुपति की पवित्रता को नष्ट करने का प्रयास किया है। गुजरात स्थित एनडीडीबी सीएएलएफ लिमिटेड द्वारा की गई जांच में इस घोटाले की पुष्टि की गई है। इस मामले ने धार्मिक भावनाओं को भड़काया है और साधु-संतों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।