Edited By Utsav Singh,Updated: 25 Aug, 2024 12:34 PM
तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आगामी जीएसटी परिषद की बैठक के दौरान स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की ‘‘तत्काल समीक्षा'' करने और इसे वापस लेने का आग्रह किया है।
पश्चिम बंगाल : तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आगामी जीएसटी परिषद की बैठक के दौरान स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की ‘‘तत्काल समीक्षा'' करने और इसे वापस लेने का आग्रह किया है। ओ'ब्रायन ने 24 अगस्त को लिखे पत्र में मांग की कि जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक में स्वास्थ्य तथा जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी वापस लिया जाए।
18 % GST 45 करोड़ भारतीयों पर बोझ
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता ओ'ब्रायन ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य तथा जीवन बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर मध्यम वर्ग के 45 करोड़ भारतीयों पर एक बोझ है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ये बीमा योजनाएं संकट के समय वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती हैं, चाहे वह कोई बीमारी, दुर्घटना या असामयिक मृत्यु हो। यह सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि समाज के सभी वर्ग इस महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा का खर्च उठाने में सक्षम हों।''
मध्यम वर्ग पर इसका गंभीर असर पड़ा है
ओ'ब्रायन ने यह भी आशंका व्यक्त की कि हो सकता है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर उच्च जीएसटी दर लगाने से कई नागरिक बीमा योजनाओं का विकल्प न चुनें या यहां तक कि मौजूदा पॉलिसीधारक अपनी पॉलिसी को नवीनीकृत नहीं करें। उन्होंने कहा, ‘‘व्यापक रूप में जनता और खासतौर से मध्यम वर्ग पर इसका गंभीर असर पड़ा है।'' उन्होंने कहा कि तृणमूल तथा कई अन्य विपक्षी दलों ने संसद में इस मुद्दे को उठाया था जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्री को पत्र लिखा था तथा उनसे अनुरोध किया था कि बीमा प्रीमियम पर जीएसटी वापस ली जाए।
नितिन गडकरी ने भी इस मुद्दे पर आपको पत्र लिखा था
तृणमूल नेता ने कहा, ‘‘20 राजनीतिक दलों के 350 सांसदों ने छह अगस्त को संसद में इसका विरोध किया था। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मुद्दे पर आपको पत्र लिखा था।'' उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी दर घटाने का समर्थन वित्त मामलों पर स्थायी समिति ने संसद में फरवरी 2024 में सौंपी अपनी 66वीं रिपोर्ट में भी किया था।'' वहीं, सीतारमण ने पहले कहा था कि जीएसटी में कोई भी संशोधन जीएसटी परिषद द्वारा स्वीकृत किया जाता है।