ईमानदारी से कहूंगा, संघर्ष चाहे यूक्रेन में हो या पश्चिम एशिया में असर तो पड़ता है: जयशंकर

Edited By Mahima,Updated: 05 Oct, 2024 03:44 PM

to be honest whether the conflict is in ukraine or west asia jaishankar

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में वैश्विक संघर्षों और उनके देशों, विशेषकर भारत पर प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने मध्य पूर्व में जारी तनावों को उजागर किया और इसके वैश्विक अर्थव्यवस्था और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर नकारात्मक...

नेशनल डेस्क: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में दिल्ली में आयोजित सरदार पटेल व्याख्यान में अपनी बातें रखीं, जिसमें उन्होंने वैश्विक संघर्षों और उनके प्रभावों पर गहरी चिंता व्यक्त की। इस कार्यक्रम में उन्होंने मध्य पूर्व के हालात, विशेषकर ईरान, लेबनान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्षों का जिक्र किया, साथ ही अपने आगामी पाकिस्तान दौरे के बारे में भी जानकारी दी।

वैश्विक संघर्षों का प्रभाव
जयशंकर ने कहा कि हालात वाकई चिंताजनक हैं, और उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी क्षेत्र में होने वाला संघर्ष, चाहे वह यूक्रेन में हो या पश्चिम एशिया में, पूरी दुनिया पर असर डालता है। उन्होंने कहा, "मैं आज ईमानदारी से कहूंगा, ये अस्थिरता के बड़े कारक हैं, चिंता के बड़े कारक हैं। भारत सहित पूरी दुनिया इस बारे में चिंतित है।" उन्होंने मध्य पूर्व की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि अब यह क्षेत्र अवसर की बजाय एक गंभीर समस्या बन गया है। उन्होंने कहा, "यहां के संघर्ष बढ़ते जा रहे हैं। पहले आतंकवादी हमले होते हैं, फिर इसके जवाब में कार्रवाई होती है, और इसके परिणामस्वरूप गाजा में जो घटनाएँ हुईं, वे बहुत चिंताजनक हैं।" 

आपूर्ति श्रृंखला पर प्रभाव
जयशंकर ने यह भी बताया कि इन संघर्षों का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा, "इन संघर्षों के चलते वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो रही है। वैश्वीकरण के युग में, किसी भी स्थान पर संघर्ष पूरे विश्व में समस्याएं पैदा कर सकता है।" उन्होंने आग्रह किया कि विश्व समुदाय को मिलकर इन संघर्षों के समाधान के लिए कार्य करना चाहिए।

भारत-पाकिस्तान संबंध
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों पर चर्चा करते हुए, जयशंकर ने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता है, लेकिन इसे सीमा पार आतंकवाद को नजरअंदाज करके नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, "सरदार पटेल द्वारा दिखाया यथार्थवाद हमारी नीति का आधार होना चाहिए।" जयशंकर ने सरदार पटेल को याद करते हुए कहा, "सरदार पटेल को हम जो सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं, वह यह है कि हमने कभी भी अपनी चौकसी कम नहीं की।" उन्होंने बताया कि सरदार पटेल ने भारतीय एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अगर वह न होते, तो यह प्रक्रिया बहुत कठिन हो जाती। 

सरदार पटेल की नीति
जयशंकर ने सरदार पटेल के दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में जाने का विरोध किया था और इसके बजाय भारत को अपने मुद्दों का हल खुद निकालने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा, "हम सभी के लिए दुख की बात है कि उनकी सावधानी को नजरअंदाज कर दिया गया।" उन्होंने स्पष्ट किया कि जो मुद्दा 'जम्मू और कश्मीर प्रश्न' के रूप में शुरू हुआ, वह अब भारत-पाकिस्तान प्रश्न में बदल गया है। सरदार पटेल का मानना था कि पाकिस्तान से सीधे निपटना चाहिए और किसी अन्य ताकत के सामने झुकना नहीं चाहिए।

पाकिस्तान का दौरा
जयशंकर ने अपने आगामी पाकिस्तान दौरे के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वह इस महीने के मध्य में पाकिस्तान जाएंगे, लेकिन यह द्विपक्षीय वार्ता के लिए नहीं होगा। उन्होंने कहा, "मैं SCO के शासनाध्यक्षों की बैठक में शामिल होऊंगा।" उन्होंने स्पष्ट किया कि इस यात्रा का उद्देश्य एक बहुपक्षीय कार्यक्रम में भाग लेना है और वे वहां भारत-पाक संबंधों पर चर्चा करने नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "आप हर उस चीज़ की योजना बनाते हैं जो आप करने जा रहे हैं। बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं जिन्हें आप नहीं करना चाहते हैं, लेकिन वो हो सकती हैं।" जयशंकर ने मीडिया से यह उम्मीद जताई कि वे इस यात्रा में रुचि दिखाएंगे, लेकिन उन्होंने पुनः स्पष्ट किया कि यह एक बहुपक्षीय कार्यक्रम होगा।

एस जयशंकर ने अपने वक्तव्य में वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर गहरी चिंता जाहिर की। उन्होंने भारतीय राजनीति में सरदार पटेल की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए, राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका यह बयान दर्शाता है कि भारत न केवल अपने घरेलू मुद्दों को लेकर सतर्क है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी जिम्मेदारियों को समझता है।  उनकी बातें इस बात का संकेत हैं कि भारत अपनी सुरक्षा और एकता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, और वह वैश्विक स्थिरता के लिए प्रयासरत रहेगा।

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