Edited By Anu Malhotra,Updated: 12 Sep, 2024 10:59 AM
अब टोल प्लाजा पर लंबी कतारों में इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने फास्टैग के बाद एक और नया सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है, जिसे सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम कहा जा रहा है। इस तकनीक में आपको केवल गाड़ी चलानी है और टोल अपने आप कट जाएगा। अब...
नेशनल डेस्क: अब टोल प्लाजा पर लंबी कतारों में इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने फास्टैग के बाद एक और नया सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है, जिसे सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम कहा जा रहा है। इस तकनीक में आपको केवल गाड़ी चलानी है और टोल अपने आप कट जाएगा। अब फास्टैग स्कैन करने की जरूरत नहीं रहेगी, क्योंकि सैटेलाइट गाड़ी की पहचान करके टोल शुल्क को सीधे काट लेगा।
फास्टैग अभी नहीं होगा खत्म
हालांकि, सरकार फास्टैग को अभी पूरी तरह समाप्त नहीं करेगी। शुरुआत में फास्टैग और सैटेलाइट बेस्ड सिस्टम दोनों एक साथ चलेंगे। धीरे-धीरे पूरा टोल सिस्टम सैटेलाइट पर आधारित हो जाएगा। इस नई पहल का फैसला सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने लिया है।
नियमों में बदलाव
दरअसल, सरकार ने नेशनल हाइवे फीस नियम 2008 में संशोधन किया है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन को भी शामिल कर लिया गया है। यह फैसला सैटेलाइट टोल कलेक्शन सिस्टम की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे टोल कलेक्शन प्रक्रिया को और आसान और सुविधाजनक बनाया जा सके।
कैसे काम करेगा सैटेलाइट बेस्ड सिस्टम?
इस सिस्टम में टोल प्लाजा पर गाड़ियों को रोकने की जरूरत नहीं होगी। आपकी कार या गाड़ी में लगे उपकरण के जरिए सैटेलाइट खुद ही टोल की रकम काट लेगा। लोकेशन आधारित यह प्रणाली पूरी तरह से ऑटोमैटिक होगी, जिसमें टोल शुल्क उस लोकेशन के आधार पर कटेगा, जहां से आप गुजरेंगे।
फास्टैग का क्या होगा?
फास्टैग को फिलहाल बंद नहीं किया जाएगा, लेकिन समय के साथ सैटेलाइट आधारित सिस्टम को पूरी तरह से लागू करने की योजना है। इसके बाद लोग बिना किसी रुकावट के अपनी यात्रा जारी रख सकेंगे और टोल शुल्क भी स्वत: कट जाएगा। सरकार का यह कदम लोगों को बेवजह के इंतजार और ट्रैफिक से छुटकारा दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।