Edited By Anu Malhotra,Updated: 28 Apr, 2025 11:17 AM
देशभर में नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले यात्रियों के लिए जल्द ही एक बड़ी सुविधा आने वाली है। टोल प्लाजा पर रुककर भुगतान करने की झंझट खत्म हो सकती है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय एक ऐसा मॉडल ला रहा है, जिसमें टोल वसूली का जिम्मा...
नेशनल डेस्क: देशभर में नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले यात्रियों के लिए जल्द ही एक बड़ी सुविधा आने वाली है। टोल प्लाजा पर रुककर भुगतान करने की झंझट खत्म हो सकती है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय एक ऐसा मॉडल ला रहा है, जिसमें टोल वसूली का जिम्मा एजेंसियों की जगह बैंकों को दिया जाएगा। इसके लिए सरकारी बैंकों से बातचीत हो चुकी है और वे इस नई व्यवस्था को अपनाने को तैयार हैं।
क्या बदलने वाला है?
देश के 1.5 लाख किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे नेटवर्क में से करीब 45,000 किलोमीटर पर फिलहाल टोल वसूला जाता है। इसके लिए 1063 टोल प्लाजा काम कर रहे हैं, जहां निजी एजेंसियां स्थानीय स्टाफ के जरिए टोल वसूलती हैं। अब इस पूरी प्रक्रिया में बदलाव कर मंत्रालय टोल वसूली की जिम्मेदारी बैंकों को सौंपने की योजना बना रहा है।
टोल प्लाजा होंगे खत्म
इस बदलाव के साथ टोल बैरियर हटाए जाएंगे, जिससे वाहन चालकों का समय बचेगा और ट्रैफिक में भी सुधार आएगा। पहले जहां GPS आधारित टोल वसूली की बात चल रही थी, अब मंत्रालय एएनपीआर (Automatic Number Plate Recognition) तकनीक पर जोर दे रहा है। इसके जरिए गाड़ी की नंबर प्लेट को स्कैन कर स्वचालित रूप से टोल काटा जाएगा।
बैंक निभाएंगे अहम भूमिका
बैंकों को न केवल टोल वसूलने की जिम्मेदारी दी जाएगी, बल्कि वे हाई-टेक कैमरे और आवश्यक उपकरण भी इंस्टॉल करेंगे। टोल से वसूला गया पैसा पहले बैंक के पास जाएगा, जो बाद में उसे NHAI को ट्रांसफर करेगा। अभी यह तय किया जाना बाकी है कि बैंक कितने दिन तक यह राशि अपने पास रख सकेंगे।
कब लागू होगा नया मॉडल?
मंत्रालय इस पूरे प्रस्ताव पर मंथन कर रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही इसका मॉडल फाइनल कर दिया जाएगा। इस कदम से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि हाईवे पर यात्रा करना भी पहले से ज्यादा सुगम और स्मार्ट हो जाएगा।